डेस्क... बिहार शिक्षक बहाली को लेकर अभ्यर्थी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि विभाग की मंशा साफ जाहिर हो चुकी है कि वो बहाली में नहीं करना चाहती है। अब करो या मरो की बात की स्थिति अभ्यर्थियों केसामने बनती जा रही है। बता दें कि अभ्यर्थियों की एक टीम सचिवालय जाकर प्राथमिक निदेशक से मुलाकत की। बातचीत से पता चला कि काउंसेलिंग की तिथि के बारे में नाम मात्र की कोई चर्चा नहीं है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की मंशा ही नहीं है शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पूरी करने की। इस परिस्थिति को देखते हुए 8 जनवरी को इको पार्क में एक बैठक है। बैठक में आगे की रणनीति बनाने से पहले प्रधान सचिव से मुलाकत करने पर विचार किया जाएगा। प्रधान सचिव से मुलाकात के बाद 10 जनवरी को एक बैठक आयोजित कर आंदोलन करने की नीती पर विचार किया जाएगा। अभ्यर्थी अभिषेक चौबे ने बताया कि सरकार अगर शिक्षक बहाली की प्रक्रिया जल्द पूरी नहीं करेगी तो हमारे सामने सिर्फ आंदोलन करने का विकल्प ही रह जाएगा।
बता दें कि विगत दो वर्षों से बिहार शिक्षक बहाली का मुद्दा अधर में लटका हुआ है। इसके लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। राजद ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार सरकार का रवैया ठीक नहीं है। शिक्षकों से जुड़े मामले को लटकाए रखना चाहती है और अपने ही निर्णय को लागू करने में टाल मटोल करती नजर आ रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि तय समय में मेधा सूची प्रकाशित नहीं करने पर कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।