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तोड़े गए दूकानों और घरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें सरकार - मनीष कश्यप

तोड़े गए दूकानों और घरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें सरकार - मनीष कश्यप

BETTIAH : बेतिया में इन दिनों सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य जोरों पर है. उधर अतिक्रमणकारियों पर भी हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई हो रही है. शहर को आये दिन जाम से मुक्त कराने के लिए इस तरह की कवायद की जा रही है. हालाँकि बहुत से बस्तियों को भी तोड़ने का आदेश दिया गया है. वहीँ बस स्टैंड के सारे दुकानों को तोड़ने का आदेश जारी किया गया है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया से चर्चा में आये मनीष कश्यप ने कहा की हम इसका समर्थन नहीं करते हैं. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं और कोर्ट से गुहार लगाते हैं की इन गरीबों का भी ख्याल रखा जाए. अगर सड़क को चौड़ा करने के लिए इन दुकानों को और बस्तियों को तोड़ना है तो तोड़ा जाए. लेकिन इन दुकानदारों को सरकार कहीं अलग जगह पर दुकान की व्यवस्था करके दें. इन बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए सरकार स्लम बस्ती बनाएं. जिससे गरीबों को कोई समस्या ना हो. 

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मनीष कश्यप ने कहा की बस स्टैंड के दुकानदारों को उचित समय दिया जाए और उनके लिए दूसरे जगहों पर दुकान की व्यवस्था की जाए.  क्योंकि इन गरीब दुकानदारों की रोजी रोटी सिर्फ और सिर्फ इनके दुकानों से चलती हैं और हमें कोई हक नहीं बनता कि हम किसी का रोजी-रोटी छीन ले. बेतिया में बहुत सारी अवैध कॉलोनिया है जो राज के जमीन पर बसी है और बहुत सालों से बसी है. इन सारे कॉलोनी को दिल्ली की तर्ज पर वैध किया जाए. किसी भी गरीब का घर न टूटे इसका ध्यान रखा जाए. 

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अगर किसी कारणवश किसी गरीब का घर टूटता है तो सरकार उसके लिए उचित व्यवस्था करें. मनीष कश्यप ने सरकार से मांग की है कि बेतिया में सरकार मुंबई के तर्ज पर दो स्लम बस्ती का निर्माण करें. जिसमें गरीबों को घर दिया जाए और दो नए मार्केट का निर्माण करें. जिसमें रोड चौड़ीकरण के समय जिन लोगों का दुकान तोड़ा जा रहा है उन्हें रोजी रोटी के लिए नया दुकान दिया जाए. अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती और किसी भी कारणवश गरीब दुकानदार और गरीब लोगों को समस्या होगा तो बृहत जन आंदोलन होगा और इसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी.

बेतिया से आशीष कुमार की रिपोर्ट 



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