राबड़ी आवास पर दही- चूड़ा के भोज की महा तैयारी, 14 जनवरी के बदले 15 जनवरी को होगा आयोजन, लालू के घर पर लगेगा सियासी जमावड़ा

राबड़ी आवास पर दही- चूड़ा के भोज की महा तैयारी, 14 जनवरी के

PATNA: लालू यादव का दही-चूड़ा भोज हमेशा से बिहार की सियासत को नए रूप देता रहा है। दही-चूड़ा-गुड की मिठास में कई सियासतदानों से कड़वाहट दूर हुई है। इस बार भी लालू यादव दही चुड़ा का भोज देने वाले हैं। बीते दिन जानकारी मिली थी कि राबड़ी आवास पर लालू यादव 14 और 15 जनवरी को दही-चुड़ा भोज का आयोजन करेंगे। लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार 14 जनवरी को  आयोजित दही-चुड़ा भोज कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। वहीं अब यह भोज 15 जनवरी को सुबह 11:00 बजे से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड में आयोजित होगा। इसे लेकर अभी से लालू यादव ने व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया हैं।

2016 में भी हुआ था दही-चूड़ा भोज

लालू यादव द्वारा जब वर्ष 2016 में मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज दिया गया था तो सियासी तौर पर उसकी जमकर चर्चा हुई थी। नीतीश कुमार के साथ मिलकर वर्ष 2015 में लालू यादव की पार्टी ने बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़ा और गठबंधन ने बहुमत से साझा सरकार बनाई। लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद उनके दोनों बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप यादव की उसी दौरान सियासी एंट्री हुई। वहीं 2017 में राबड़ी आवास पर हुए दही-चूड़ा भोज में लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के माथे पर दही का टीका लगाया था। उस वक्त वह तस्वीर काफी चर्चा में आई थी। 

1994-95 में लालू ने की थी शुरूआत

बिहार में दही-चूड़ा भोज की शुरुआत लालू प्रसाद ने वर्ष 1994-95 में की थी। तब वे बिहार के मुख्यमंत्री थे। लालू प्रसाद यादव ने आम लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए दही-चूड़ा भोज का आयोजन शुरू किया था। इसकी खूब चर्चा हुई। बिहार के हर हिस्से से हजारों लोग लालू यादव के भोज में शामिल होने आते रहे। यहां तक कि इस दौरान कई प्रकार के सियासी समीकरण भी बने। वैसे नेता जिन्हें लालू अपने साथ जोड़ना चाहते उन्हें इस भोज के बहाने जरुर बुलाया जाता। धीरे धीरे दही-चूड़ा भोज आरजेडी की परंपरा बन गई। यहां तक कि चारा घोटाला में लालू यादव के जेल जाने के बाद भी राजद ने यह परंपरा कायम रखी। 

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3 वर्षों के बाद हो रहा आयेजन

हालांकि वर्ष 2021 में 26 साल के बाद लालू परिवार के यहां दही-चूड़ा खिलाने की परम्परा तब टूटी जब देश में कोरोना महामारी आया। वहीं 2023 में एक बार फिर से तेजस्वी यादव ने दही-चूड़ा भोज की तैयारी की। लेकिन, राजद के वरिष्ठ नेता शरद यादव के निधन के बाद भोज को अंतिम समय में स्थगित करना पड़ा। अब एक साल बाद फिर से लालू यादव उसी अंदाज में दही-चूड़ा भोज करने की तैयारी में जिसके लिये वे जाने जाते हैं।