गुजरात: सूबे में कोरोना महामारी किस तरीके से हाहाकार मचा रही है, इसका अंदाजा वहां छपने वाले अखबार को देख कर लगाया जा सकता है। प्रदेश के अखबारों में शोक संदेश छपने की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। आलम यह है कि भावनगर से छपने वाले एक अखबार के कुल 16 पन्नों में से आठ पन्नों में केवल शोक संदेश व श्रद्धांजलि छपे हुए थे।
इस गुजराती भाषा के अखबार में गत मार्च माह में केवल 28 शोक संदेश छपे हुए थे जबकि दो माह बाद इसी अखबार में 238 शोक संदेश छपे। इतनी भारी संख्या में छपे शोक संदेश से यह आशंका जतायी जा रही है कि कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम कर के बताया जा रहा है।
एक अन्य गुजराती अखबार के अनुसार सूबे के खेड़ा जिले में सरकारी स्तर पर कोरोना से केवल दो मौत की जानकारी दी गयी जबकि उस दिन 12 मरीजों की मौत हुई थी। बुधवार को ही एक अन्य अखबार ने गांधीनगर जिले में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 25 बतायी जबकि राज्य सरकार के अनुसार उस दिन गांधीनगर में केवल एक मरीज की मृत्यु कोरोना से हुई। सूबे में इस मसले पर विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर हमला भी बोला है।