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शपथ ग्रहण समारोह देखने आया था, नरेंद्र मोदी ने इस अल्पसंख्यक नेता को बना दिया केंद्र में मंत्री, समारोह से कुछ घंटे पहले मिली जानकारी

शपथ ग्रहण समारोह देखने आया था, नरेंद्र मोदी ने इस अल्पसंख्यक नेता को बना दिया केंद्र में मंत्री, समारोह से कुछ घंटे पहले मिली जानकारी

NEW DELHI : नरेंद्र मोदी के तीसरे चरण के कार्यकाल में कुछ ऐसे चेहरों को भी मंत्री बनने का मौका मिला है, जो संसद में न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा के सदस्य हैं, ऐसे ही लोगो में शामिल हैं पंजाब के पूर्व सीएम स्व. बेअंत सिंह बिट्टू और केरल से आए जार्ज कुरियन। मोदी सरकार में जिन पांच अल्पसंख्यक चेहरों को मंत्री बनने का मौका मिला है। उनमें यह दोनों शामिल हैं। अब केंद्र में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री बने जार्ज कुरियन ने शपथ ग्रहण को बड़ा दिलचस्प वाक्या सुनाया है।

केरल के ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जार्ज कुरियन लंबे समय से भाजपा से जुड़े हैं। वह बताते हैं कि वह नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। समारोह के एक दिन पहले तक उन्हें इस बात का कोई आभास नहीं था कि वह केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। जार्ज कुरियन के अनुसार रविवार की सुबह वह हैरान रह गए, जब पता चला कि वह भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। इसका उन्हें खुद भी किसी तरह से अंदाजा नहीं था क्योंकि वह न तो लोकसभा के और ना ही राज्यसभा के सांसद हैं। 

केरल में भाजपा को मजबूत करने की कोशिश

साउथ के राज्य में सिर्फ केरल ऐसा राज्य है, जहां भाजपा अब तक सबसे कमजोर स्थिति में रही है। इस बार लोकसभा चुनाव में सुरेश गोपी पहली बार भाजपा से सांसद बने हैं और उन्हें सीधे केंद्र में जगह दी गई है। इसके साथ ही जार्ज कुरियन को भी मौका देकर भाजपा केरल में खुद को मजबूत करना चाहती है। केरल में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई तीनों ही समुदायों की अच्छी आबादी है। भाजपा को आमतौर पर हिंदुओं के एक वर्ग का समर्थन मिलता है। वहीं मुस्लिमों के बीच कांग्रेस की अच्छी पैठ है, जबकि ईसाई मत के लोग वामपंथी दलों के पाले में रहे हैं। ऐसे में ईसाई चेहरे को मौका देकर पार्टी अपनी स्थिति सुधारना चाहती है।

ABVP और RSS से भी जुड़े रहे हैं कुरियन

साइरो-मालाबार कैथोलिक चर्च से जुड़े जॉर्ज कुरियन केरल में काफी सक्रिय रहे हैं। वह राज्य में ईसाई समुदाय के लोगों के बीच भाजपा की पहुंच बढ़ाने के प्रयास करते रहे हैं। आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से वह जुड़े रहे हैं। अब उनका कहना है कि मुझे अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, जिसमें पूरी गंभीरता के साथ काम करूंगा। अपने समुदाय समेत पूरे अल्पसंख्यक समाज के हित के लिए काम करूंगा। उन्हें पशुपालन विभाग में भी राज्य मंत्री का जिम्मा मिला है। 


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