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छठ में घर आने का किया था वादा, लेकिन ऐसे आओगे, यह नहीं सोचा था! सीआरपीएफ जवान धनजी सिंह का शव पहुंचते ही भारत माता की जय का लगे नारे

छठ में घर आने का किया था वादा, लेकिन ऐसे आओगे, यह नहीं सोचा था! सीआरपीएफ जवान धनजी सिंह का शव पहुंचते ही भारत माता की जय का लगे नारे

KAIMUR : छत्तीसगढ़ के सुकमा में साथी जवान द्वारा किए गए फायरिंग में सीआरपीएफ जवान कैमूर का लाल धनजी सिंह की मौत हो गई। मंगलवार को उनका शव पैतृक गांव पहुंचा। शव पहुंचत ही हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। इस दौरान भारत माता की जय की नारों से पूरा माहौल गूंज उठा। 

इससे पहले गांव आने से पहले नुआंव प्रखंड से ही 6 किलोमीटर तक पूरे रास्ते में तिरंगा झंडा के साथ लोग कतार में खड़े दिखे। उनके गुजरते शव वाहन के पास ग्रामीण भारत माता की जय का नारा लगाते हुए धनजी सिंह अमर रहे का नारा लगाते रहे। उनके काफिले के साथ 100 से अधिक बाईक, 50 से अधिक फोर व्हीलर चल रहा था। इनके शव को बनारस के हवाई अड्डा से इनके गांव लाया गया , 2 घंटे के सफर 8 घंटे में तब्दील हो गया। जगह-जगह लोगों ने वीर जवान को नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हुए विदाई दिया। चारों तरफ जीधर से काफिला गुजरा भारत माता की जय के नारे लगते रहे। प्रखंड मुख्यालय से लेकर सातोएवती गांव तक कुल 6 किलोमीटर तक लोग लाइन में खड़े होकर हाथों में तिरंगा झंडा लेकर एक झलक पाने को बेचैन दिखे।

छठ में आना था, लेकिन इस तरह नहीं

बड़ा भाई श्रीनगर में सीआरपीएफ में पोस्टेड है। घटना के पहले रात में धनजी सिंह अपने भाई और परिवार के लोगों से बात किए थे। जहां छठ पूजा के सुबह अपने घर के लिए आने की बातें किए थे। घर में उनकी पत्नी और उनकी भाभी छठ की पूरी तैयारी में जुटी हुई थी। तभी अहले सुबह फोन पर धनजी सिंह की मौत की सूचना ने सब को झकझोर दिया। छठ के तैयारी से गुंजायमान घर चीख-पुकार में तब्दील हो गया।  इनकी मौत की सूचना मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। 

दो छोटे बच्चे हैं धनजी के

धनजी पिता महेंद्र सिंह किसान है। मां सरस्वती देवी बेटे को याद कर बार-बार बेहोश हो जा रही है। वहीं पत्नी रूपा देवी का रो रो कर बुरा हाल है। धनजी सिंह का 2 वर्ष का बेटा और 3 वर्ष की बेटी लक्ष्मी है। पूरा परिवार इस घटना से आहत है। परिवार चाहता है कि सरकार उनके बच्चों की परवरिश के लिए पत्नी को नौकरी दे दे जिससे कि बच्चों का पालन पोषण हो जाए।


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