भागलपुर। विभिन्न मांगों के समर्थन में बुधवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं हड़ताल का असर अस्पताल के इमरजेंसी से ओपीडी सेवा पर पड़ना तय है. वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक कुमार भगत ने बताया कि पीजी छात्रा ने लिखित रूप से हड़ताल के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है वहीं बिजी डॉक्टर का कहना है पूरे बिहार के सरकारी अस्पताल में कार्यरत पीजी हड़ताल पर रहेंगे.
छात्रवृत्ति बढ़ाने की कर रहे हैं मांग
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई साल के छात्रवृत्ति बढ़ाने की मांग कर रहे हैं छात्रों ने बताया कि 4 माह पहले भी उन लोगों ने अपनी मांग के समर्थन में आंदोलन का ऐलान किया था उसको राणा की वजह से न्यायालय ने हड़ताल पर रोक लगा दी थी इस वजह से उन लोगों ने आंदोलन को उस वक्त रद्द कर दिया था सरकार ने कहा था कि छात्रवृत्ति राशि प्रत्येक साल पढ़ाई जाएगी सरकार के इस नीति के खिलाफ संगठन आंदोलन को विवश हो गया है. फर्स्ट ईयर में 50000 सेकंड ईयर में 55000 और थर्ड ईयर में करीब ₹62000 प्रति माह पीजी छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में दिया जाता है. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ हेमंत कुमार सिन्हा व अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक कुमार भगत ने बताया कि छात्रों में हड़ताल के बारे में मौखिक जानकारी दी है.
डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र है पीजी में, नहीं हो पाएगा इलाज
इमरजेंसी में आए मरीजों का इलाज पीजी छात्र ही ज्यादा तर करते हैं. ऐसे में इनके हड़ताल पर जाने की व्यवस्था पूरी तरह से बाधित हो सकती है. यही हाल ओपीडी समेत सभी विभाग का हो सकता है. अस्पताल में डेढ़ सौ से ज्यादा पीजी छात्र है जो यहां के मरीजों का इलाज करते हैं. पीजी डॉक्टर को अस्पताल का रीड़ कहा जाता है.