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हड़ताल का सम्मानजनक तरीके से हल निकाले राज्य सरकार, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने की मांग

हड़ताल का सम्मानजनक तरीके से हल निकाले राज्य सरकार, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने की मांग

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार लगातार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए हड़ताली शिक्षकों को मानवता का हवाला देते हुए वर्तमान वैश्विक महामारी में हड़ताल से वापस लौटने की अपील कर रही है. इसके साथ ही मीडिया के माध्यम से कहा जा रहा है की सामान्य परिस्थितियों होने पर शिक्षक संगठनों के साथ वार्ता की जाएगी. लेकिन सरकार या शिक्षा विभाग की संवेदनशीलता 70 शिक्षकों के मौत के बाद भी अब तक नहीं जगी. उन्होंने कहा की किस मुंह से शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग शिक्षकों को मानवता का पाठ पढ़ा रहे हैं. एक तरफ शिक्षा मंत्री अपील जारी करते हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके अधिकारी शिक्षकों को लगातार पत्र जारी कर डरा धमका रहे हैं. साथ ही शिक्षकों पर झूठा एफ आई आर भी दर्ज किया जा रहा है.  

उधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव सुरेश प्रसाद राय ने कहा कि शिक्षा विभाग या शिक्षा मंत्री के आश्वासन पर कैसे भरोसा किया जाए. सरकार ने ही 3 महीने के अंदर सेवा शर्त लागू कर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा को पंचायती राज व्यवस्था से अलग करने का वादा किया था. लेकिन 5 वर्षों से अधिक हो जाने के बावजूद भी ना तो सेवा शर्त लागू हुई और ना ही पंचायती राज व्यवस्था से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा की अलग हुई. ऐसे में सरकार पर कितना भरोसा किया जा सकता है. उन्होंने कहा की वर्तमान समय में वैश्विक महामारी में भी सरकार के आंखों में जरा भी हड़ताली शिक्षकों के प्रति नरमी नहीं दिख रही है.  आखिर किस नियम के तहत निलंबित शिक्षक और दंड भोग रहे शिक्षक योगदान करेंगे और सरकार उनकी सेवा लेगी. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है.  

उन्होंने सरकार से अपील किया कि सम्मानजनक तरीके से हल निकाले और तत्काल गैर वित्तीय मामले यथा सारी दंडात्मक कार्रवाई (निलंबन एफ आई आर, बर्खास्तगी आदि) को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने, हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान का आदेश जारी करते हुए लिखित आश्वासन दें कि सरकार सामान्य स्थिति होने पर सभी न्यायोचित मांगों को तथा अपने से घोषित सभी वादों को पूर्ण करेंगी.  

उन्होंने कहा कि यदि सरकार सिर्फ दिखावे कर शिक्षकों को हड़ताल से वापस कराना चाहती है तो यह भ्रम में ना रहे कि शिक्षक हड़ताल से वापस लौटेंगे. जब तक की सम्मानजनक ढंग से हड़ताल समाप्त नहीं कराती. 

विवेकानंद की रिपोर्ट

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