MOTIHARI : हाजीपुर-सुगौली रेल लाइन परियोजना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आयी है। बताया जा रहा है कि परियोजना के तहत पूर्वी चंपारण में जमीन अधिग्रहण के लिए रेलवे की ओर से जिला भू-अर्जन विभाग को जो 759 करोड़ मिले थे उसमें से 200 करोड़ रुपये सुपौल जिले को ट्रांसफर कर दिए गये हैं। ऐसे में अब इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना के और लटकने की संभावना काफी बढ़ गयी है।
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2017 में ही रेलवे ने पूर्वी चंपारण में जमीन अधिग्रहण के लिए 759 करोड़ की यह राशि भेजी थी। परंतु, पूर्वी चंपारण में अधिग्रहण की प्रक्रिया में शिथिलता के कारण इस राशि का एक बड़ा हिस्सा यहां खर्च ही नहीं किया जा सका। नतीजतन रेलवे ने इस राशि में से 200 करोड़ रुपये अपनी दूसरी परियोजना के लिये सुपौल ट्रांसफर करवा दिये हैं।
ये भी पढ़ें---नीतीश सरकार की नियत से सकते में बीजेपी सांसद,कहा-मैं तो आश्चर्यचकित हूं
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विजय कुमार का कहना है कि रेलवे के कहने पर बीते जुलाई महीने में यह 200 करोड़ की राशि सुपौल जिले को ट्रांसफर की गयी है। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत पूर्वी चंपारण के कुल 49 गांवों में दो फेज में 755 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। पहले फेज में 28 गांव शामिल है, जिसमें भू-अर्जन मद में करीब 80 फीसद भुगतान किया जा चुका है। वहीं दूसरे फेज में बाकी के 21 गांवों में भू-अर्जन की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हो सकी है। जल्द शुरू होने वाली है।
रेल लाइन से इन जिलों के लोगों को होगा सीधा लाभ
हाजीपुर-सुगौली रेल लाइन की लंबाई करीब 150 किलोमीटर है। इस रूट पर रेल सेवा बहाल होने से पूर्वी चंपारण के साथ-साथ पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली के लोगों को सीधे फायदा होगा।जिन क्षेत्रों से होकर यह रेल लाइन गुजरेगी उस क्षेत्र के विकास में भी गति आएगी।
मोतिहारी से रुपेश पांडेय की रिपोर्ट