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हलाल के हराम पर रोक ... 'हलाल सर्टिफिकेट' के गोरखधंधे पर नकेल कसने की बड़ी तैयारी, खाने के सामान पर नहीं लगेगा मजहब का तड़का

हलाल के हराम पर रोक ... 'हलाल सर्टिफिकेट' के गोरखधंधे पर नकेल कसने की बड़ी तैयारी, खाने के सामान पर नहीं लगेगा मजहब का तड़का

DESK. देश में हलाल नाम से कई खाने-पीने सहित रोजमर्रा की जरूरतों के सामान बिकते हैं. लेकिन हलाल सर्टिफिकेट' के नाम पर एक बड़ा गोरखधंधा भी होता है जिसमें कई तरह के फर्जीवाड़े की शिकायतें आती हैं. हलाल के नाम पर चलने वाले हराम के धंधे पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने अब एक बड़ी पहल की है. इसके तहत 'हलाल सर्टिफिकेट' के नाम पर चल रहे काले कारोबार पर रोक लगाई जाएगी. 

हलाल प्रोडक्ट मूल रूप से मांसाहारी उत्पादों से जुड़े होते हैं. इसमें एक खास तरीके से मांसाहारी उत्पाद के प्रसंस्करण का तरीका होता है. लेकिन खास बात यह कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। जाहिर है कि एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध आपराधिक षडयन्त्र किया जा रहा है।मजहब की आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस नापाक कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. 

हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि द्वारा एक धर्म विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इन कंपनियों के पास किसी उत्पाद को प्रमाण पत्र देने का कोई अधिकार नहीं है। उक्त कम्पनियों द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार कर आर्थिक लाभ लेकर विभिन्न कम्पनियों को हलाल प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है। यह सामाजिक विद्वेष बढ़ाने वाला तो है ही जनआस्था के साथ छल है।

 शिकायतकर्ता ने इसे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि जिन कम्पनियों ने ऐसा हलाल प्रमाण पत्र इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का प्रयास भी किया जा रहा है, जो कि आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी/राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है। खास बात यह कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। जाहिर है कि एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध आपराधिक षडयन्त्र किया जा रहा है। 

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