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सीनियर के रहते जिला में आधा दर्जन कनीय व दंत डाक्टर बने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, शुरू हुआ विरोध

सीनियर के रहते जिला में आधा दर्जन कनीय व दंत डाक्टर बने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, शुरू हुआ विरोध

MOTIHARI : मोतिहारी जिला में सरकार के नियम को ताक पर रखकर आधा दर्जन अस्पतालों में कनीय व दंत चिकित्सक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बना दिए गए हैं। जिसको लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। इस आदेश को गलत बताते हुए अब मामले को गंभीरता को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ अध्यक्ष ने आरडीडी मुजफरपुर व सीएस को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई की बात कही है।

बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ कार्यकारी अध्यक्ष भाषा डॉ डीके सिंह ने क्षेत्रीय प्रमंडल अपर निदेशक मुजफरपुर व सीएस मोतिहारी को पत्र भेजकर वरीय डाक्टर के रहते कनीय व दंत चिकित्सक को प्रभारी चिकित्सा प्रभारी बनाये जाने पर आपत्ति जतायी है ।वही सरकार के नियम का उलंघन बताते हुए त्वरित करवाई की बात कही है।अध्यक्ष ने पत्र में बताया है कि सरकार के निर्णय के अनुसार बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के वरीय डाक्टर को प्रभारी चिकित्सा प्रभारी बनाना है। 

उन्होंने बताया कि संघ को लगातार सूचना मिल रही है मोतिहारी में नियम को ताक पर रखकर तुरकौलिया,बनकटवा,पीपरा कोठी,बंजरिया में सीनियर के रहते दंत चिकित्सक को प्रभारी चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है।RDD व सीएस से संघ ने त्वरित करवाई करते हुए आयुष व दंत चिकित्सक को प्रभारी चिकित्सा प्रभारी से हटाकर वरीय चिकित्सक को प्रभारी बनाने की अनुरोध किया है। बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है कि सरकार के आदेश 1091(3) दिनांक 21.12.21 का अनुपालन नही करने वाले चिकित्सक पर विभागीय करवाई करने पर गंभीरता से विचार करे।ताकि सरकार का आदेश का अनुपालन सभी स्तर पर ही सके।


होती रही है चर्चा

जिला में प्रभारी चिकित्सा बनने में बड़ी खेल से इंकार नही किया जा सकता।जिला में हमेशा चर्चा रहती है कि उच्ची पैरवी व अधिक बोली लगाने वाले ही पीएचसी से लेकर अनुमंडलीय अस्पताल तक प्रभारी बनते है। सरकार के आदेश को ताक पर रखकर जिला के कई पीएचसी प्रभारी से लेकर अनुमंडलीय अस्पताल में वरीय डाक्टर के रहते कनीय व दंत चिकित्सक प्रभारी चिकित्सा प्रभारी बने हुए है। लेकिन इस बार जो लिस्ट जारी किया गया है, उसके बाद अब यह बात सही साबित होता हुआ नजर आने लगा है। 




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