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बिहार बीजेपी से आधी आबादी' को नहीं मिला टिकट, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा से एक भी महिला प्रत्याशी नहीं, वादे हैं वादों का क्या....

बिहार बीजेपी से आधी आबादी' को नहीं मिला टिकट, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा से एक भी महिला प्रत्याशी नहीं, वादे हैं वादों का क्या....

पटना- साल 2023 के सितंबर में केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाया था. विधेयक को 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित किया गया था. बाद में 29 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी. इसके बाद भाजपा ने जोर शोर से आधी बात के हक की बात की थी . लेकिन बिहार में भाजपा के 17 प्रत्याशियों में एक भी नाम किसी महिला का नहीं है. लिस्ट में कहीं भी महिलाओं की भागीदारी देखने को नहीं मिल रही है.महिला आरक्षण और महिलाओं के हित की निरंतर बात करने वाली भाजपा  ने बिहार में महिलाओं को लोकसभा का प्रत्याशी बनाने में काफी कंजूसी बरती है.

भाजपा ने आधी आबादी को नहीं दी अहमियत

एनडीए में पुराने चेहरे को हीं टिकट देने में अहमियत दी गई है.  भारतीय जनता पार्टी ने जिन 17 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है, उनमें किसी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है. पीएम मोदी आधी आबादी की भागीदारी की बात करते हैं, लेकिन बिहार के भाजपा के प्रत्याशियों के जारी नाम में इसकी कहीं झलक नहींदिख रही है.बेगूसराय से गिरिराज सिंह, पटना साहिब से रवि शंकर प्रसाद, पाटलिपुत्र से राम कृपाल यादव,  दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर, मुजफ्फरपुर से राज भूषण निषाद, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, बक्सर से मिथिलेश तिवारी, सासाराम से शिवेश राम, औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह और नवादा से विवेक ठाकुर ,सारण से राजीव प्रताप रूडी, उजियारपुर से नित्यानंद राय, बेतिया से संजय जायसवाल, मोतिहारी से राधा मोहन सिंह, मधुबनी से अशोक कुमार यादव, अररिया से प्रदीप कुमार सिंह, आरा से आरके सिंह, को प्रत्याशी बनाया गया है. 

बिहार से एक मात्र भाजपा महिला सांसद का टिकट कटा

बता दें साल 2019 में शिवहर से एक मात्र भाजपा की सांसद रमा देवी का टिकट भी इस बार कट गया है. उनकी सीट जदयू के खाते में चली गई है जहां से लवली आनंद चुनाव में ताल ठोक रहीं है.  रमा देवी को टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थक नाराज हैं वहीं उनका कहना है कि बिहार भाजपा सेे एक महिला  क्षेत्र का प्नतिनिधित्व  कर रहीं थी उनका भी टिकट काट दिया गया. भाजपा ने महिलाों को अहमियत देना उचित नहीं समझा है. वहीं विरोधी भी भाजपा पर हमला करना शुरु कर दिए है.

आधी आबादी का सच

अब सवाल उठने लगा है कि भाजपा आधी आबादी की बात तो करती है लेकिन आधी आबादी को टिकट नहीं देना चाहती. वही इंडी गठबंधन ने भाजपा पर इसको लेकर सीधा वार किया है. भाजपा की तुलना में इंडी गठबंधन खास कर राजद ने ज्यादा महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है.

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