Patna : कोरोना संकट के बीच इस साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने है। हालांकि अभी चुनाव आयोग की ओर से इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन कोरोना संकट के बीच चुनाव को कैसे संपन्न कराया जाए इसे लेकर चुनाव आयोग की राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक हो चुकी है।
कोरोना संकट को लेकर चुनाव प्रचार समेत सभी चीजों को डिजिटल तरीके से अंजाम देने की बात सामने आ रही है। चुनाव आयोग के साथ-साथ कई राजनीतिक पार्टियों द्वारा वर्चुअल रैली, सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार आदि किये जाने पर जोर दिया जा रहा है।
इधर इन सभी बातों को लेकर बिहार की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने बड़ा सवाल उठाया है। पार्टी के प्रवक्ता धीरेन्द्र कुमार मुन्ना ने कहा है कि यह सही है कि कोरोना संकट को लेकर जैसे पहले चुनाव होते थे उस तरीके से चुनाव संपन्न कराना मुश्किल है। लेकिन जिस डिजिटल प्रणाली को अपनाने की बात की जा रही है वह बड़े पार्टियों के लिए तो ठीक है, लेकिन छोटे और क्षेत्रिए पार्टियों का क्या होगा।
मुन्ना का कहना है कि बड़े दल के पास तो पैसे की कमी नहीं है। वे वर्चुअल रैली, सोशल मीडिया जैसे महंगे संसाधनों का आसानी से उपयोग कर सकते है। लेकिन जिन राजनीतिक दलों के पास उनकी जैसी फंडिग नहीं है वे क्या करेंगे।
हम प्रवक्ता ने इससे भी बड़ा सवाल उठाते हुए कहा है कि जिस देश के करोड़ो आबादी को खुद पीएम द्वारा अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, उनके पास स्मार्ट मोबाइल फोन कहा से आयेंगे। वे वर्चुअल रैली और सोशल मीडिया को क्या जानते है।
धीरेन्द्र कुमार मुन्ना ने कहा कि हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। देश की जनता यहां सरकार चुनती है। हमारा चुनाव आयोग से अनुरोध है कि इस बात पर भी ध्यान देने की जरुरत है कि जिस डिजिटल प्रणाली को अपनाकर चुनाव को संपन्न कराने की बात सोची जा रही है उसमें राज्य की बड़ी आबादी लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने से वंचित रह जायेगी। इसके लिए कोई और रास्ता निकाले जाने की जरुरत है।