PATNA : श्रीराम के अनन्य भक्त पवनपुत्र हनुमान अपनी जन्मभूमि किष्किन्धा से चलकर पहली बार माता जानकी का आशीर्वाद लेने जनकपुर के लिए निकले हैं। श्री हनुमद् जन्मभूमि किष्किन्धा रथयात्रा बुधवार देर रात पटना के प्रसिद्ध महावीर मन्दिर पहुंची। गुरुवार की सुबह महावीर मन्दिर की ओर से रथयात्रा का पूजन हुआ। श्री हनुमद् जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख स्वामी गोविन्दानन्द सरस्वती के नेतृत्व में रथयात्रा गुरुवार को दोपहर में महावीर मन्दिर से जनकपुर के लिए प्रस्थान कर गयी।
स्वामी गोविन्दानन्द सरस्वती जी ने बताया कि 5 और 6 जनवरी को हनुमानजी का रथ जनकपुर में रहेगा। माता सीता के दर्शन, पूजन और उनका आशीर्वाद लेने के बाद रथयात्रा काठमांडू के लिए रवाना होगी। वहां 7 से 9 जनवरी तक पशुपतिनाथ भगवान के सानिध्य में रथयात्रा रहेगी। वापसी में 10 जनवरी को सीतामढ़ी में माता जानकी जन्मस्थान का दर्शन करके रथयात्रा 11 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। हनुमान जी की जन्मभूमि से चली यह रथयात्रा आराध्य श्रीराम के नये भव्य मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के संपूर्ण आयोजन का साक्षी बनेगी। अयोध्या धाम में रथयात्रा 25 जनवरी तक रूकेगी।
रामलला का भव्य मन्दिर बनने के बाद शुरू होगा हनुमान लला के मन्दिर का निर्माण
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मन्दिर का निर्माण पूरा होने के बाद हनुमान लला की जन्मभूमि पर भी विशाल मन्दिर का निर्माण कार्य शुरू होगा। स्वामी गोविन्दानन्द सरस्वती जी ने बताया कि कर्नाटक के विजयनगर जिले के पंपाक्षेत्र किष्किन्धा में हनुमान जी की जन्मभूमि है। अंजनाद्रि पर्वत पर अभी हनुमान लला का छोटा मन्दिर है। पर्वत के ऊपर बड़े मन्दिर के निर्माण का स्थान उपलब्ध नहीं है।
इसलिए पर्वत के नीचे तुंगभद्रा नदी के किनारे विशाल भूभाग पर हनुमानजी के भव्य मन्दिर का निर्माण होना है। मन्दिर के शिलापूजन के लिए अखंड भारत के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करके रथयात्रा के माध्यम से भक्तों को आमंत्रित किया जा रहा है। अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण पूरा होने के बाद किष्किन्धा में भी भव्य हनुमान जन्मभूमि मन्दिर के निर्माण का शिलापूजन कार्यक्रम घोषित किया जाएगा।