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पटना के महावीर मंदिर पर हनुमानगढ़ी ने किया अधिकार जताने का दावा, अयोध्या में चला रहे हैं हस्ताक्षर अभियान

पटना के महावीर मंदिर पर हनुमानगढ़ी ने किया अधिकार जताने का दावा, अयोध्या में चला रहे हैं हस्ताक्षर अभियान

PATNA : पटना के महावीर मंदिर को लेकर अयोध्या हनुमानगढ़ी  ने अपना अधिकार जताया है। इसके लिए हनुमानगढ़ी ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को पत्र लिखा है। साथ ही महावीर मंदिर को अपने नियंत्रण में लेने के लिए अयोध्या में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं महावीर मंदिर को लेकर उठे विवाद पर महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने स्पष्ट किया कि पटना के महावीर मंदिर का अयोध्या के हनुमानगढ़ी से कोई वास्ता ही नहीं है।

सार्वजनिक मंदिर की मान्यता

में किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मंदिर का इतिहास एवं कानूनी स्थिति की जानकारी हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेम दास एवं बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद् के अध्यक्ष को पहले ही दे दी थी। किशोर कुणाल ने स्पष्ट किया कि महावीर मंदिर पटना उच्च न्यायालय के आदेश से सार्वजनिक मंदिर है। 1935 से इसका संचालन न्यास समिति के द्वारा होता है। 1956 में धार्मिक न्यास पर्षद और महावीर मंदिर न्यास समिति के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार न्यास समिति जब तक मंदिर का आर्थिक विकास करती रहेगी, न्यास पर्षद इसके संचालन में हस्तक्षेप नहीं करेगी। 1958 में पटना उच्च न्यायालय ने इस समझौते को स्वीकृति दी थी। 1990 में धार्मिक न्यास पर्षद् ने इसके संचालन के लिए एक विस्तृत योजना बनायी थी। इसके अनुरूप इी इसका संचालन होता है।

अयोध्या से आए पुजारी फलहारी सूर्यवंशी दास हटाए गए

इस बीच महावीर मंदिर के दलित पुजारी फलहारी सूर्यवंशी दास हटा दिए गए हैं। गुरु रविदास मंदिर अयोध्या से महावीर मंदिर को भेजे गए पत्र के आधार पर उन्हें हटाया गया है। ज्ञात हो कि जून 1993 में आचार्य किशोर कुणाल के अनुरोध पर फलहारी दास को अयोध्या के गुरु रविदास मंदिर से पटना भेजा था और काफी धूमधाम से उनकी नियुक्ति हुई थी। गुरू रविदास मंदिर अयोध्या द्वारा भेजे गए पत्र में जिक्र है कि फलाहारी सूर्यवंशी दास के विरूद्ध अनेक ऐसी शिकायतें मिली जो संप्रदाय की मर्यादा के हनन और निरंतर असत्य भाषण व निराधार दुष्प्रचार से जुड़ी हैं।

क्या मंदिर की लोकप्रियता बन रही कारण

महावीर मंदिर पर हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे को इसकी लोकप्रियता से जोड़ कर देखा जा रहा है। महावीर मंदिर द्वारा अयोध्या में संचालित राम रसोई की लोकप्रियता राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। रामनवमी व अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पटना से ही नैवेद्यम लड्‌डू भेजा जाता है। राम लला के भोग के लिए गोविंद भोग चावल भी महावीर मंदिर की ओर से ही व्यवस्था कराई जाती है। हाल ही में 200 लॉकर की नि:शुल्क सुविधा भी रामजन्मभूमि के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए उपलब्ध कराई गई है। ऐसे में कहीं न कहीं अयोध्या में पटना के महावीर मंदिर की अलग पहचान स्थापित हो रही है। माना जा रहा है कि यही लोकप्रियता मंदिर के अधिकार को लेकर विवाद को बढ़ा दिया है। 

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