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हर माह के पहले मंगलवार को मनाया जाएगा जल जीवन हरियाली दिवस, सीएम नीतीश ने कार्यक्रम में की घोषणा

हर माह के पहले मंगलवार को मनाया जाएगा जल जीवन हरियाली दिवस, सीएम नीतीश ने कार्यक्रम में की घोषणा

दरभंगा। बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल- जीवन- हरियाली दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इस बात की घोषणा सीएम नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस कार्यक्रम का आगाज आज पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम से किया गया जिसका मुख्य विषय "जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन भागीदारी पर परिचर्चा" रहा। इस परिचर्चा को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना पर 19 जुलाई 2019 को पटना विधान सभा के विस्तारित भवन में दिन-भर चर्चा हुई थी और इसके उपरांत इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें 11 अवयव शामिल है और जिन्हें 9 विभागों द्वारा इसे संपन्न कराया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इस अभियान के क्रमांक 1 से 7 तक के अवयव जल से, क्रमांक 08 का अवयव हरियाली से से यानी पौधरोपण से, 9वां अवयव मौसम के अनुकूल कृषि से, 10वां अवयव सौर ऊर्जा से एवं 11 वां अवयव जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाते रहने से संबंधित है।

उन्होंने कहा कि पहले गर्मी के दिनों में दक्षिण बिहार में भू-जल नीचे चला जाता , लेकिन वर्ष 2019 में दरभंगा जैसे जिले में भू-जल नीचे चला गया और जल संकट की समस्या उत्तर बिहार में पहली बार उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि माननीय ग्रामीण विकास मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा बताया गया कि प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता विगत दशकों में घटती गयी है, इसमें जनसंख्या वृद्धि का भी बहुत बड़ा योगदान है।

पौधे लगाने को लेकर बढ़ रही जागरुकता

सीएम ने बताया कि वर्ष 2001 से 2020 तक में बिहार की आबादी लगभग 04 करोड़ बढ़ गई। यहां का प्रजनन दर सर्वाधिक है। बिहार में वर्ष 2011 से ही पौधरोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है और यही कारण है कि वर्ष 2012 में जहाँ बिहार में हरित आच्छादन 9 प्रतिशत था वह बढ़कर अब 15 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2012 में बिहार में 24 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया था और 19 करोड़ पौधरोपण किया गया। इसी तरह पिछले साल 2.5 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया था। कोरोना काल होने के बावजूद 3.91 करोड़ पौधरोपण किया गया। इस साल 5 करोड़ पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष (पुवाल) जलाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा।

कोरोना पर बिहार की गलत छवि पेश कर रहे

उन्होंने कहा कि बिहार में कितना काम हो रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया जा रहा है। पूरे देश में कोरोना की औसत जांच से भी बिहार में कोरोना की जांच ज्यादा हो रही है। कोरोना पॉजिटिव का औसत मृत्यु दर पूरे देश में 1.45 है जबकि बिहार में 0.55 है। उन्होंने कहा कि बिहार में 97 फीसदी रिकवरी है, जो देश में सबसे अधिक है।

नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान के समर्थन में 5.16 करोड़ लोगों ने 18 हजार किलोमीटर मानव शृंखला का निर्माण किया। यह कोई छोटी बात नहीं है।  उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सभी विभाग के द्वारा अच्छा काम किया गया है और इसे बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने गंगा उद्वह योजना की चर्चा करते हुए बताया कि इस योजना से राजगीर, बोधगया जैसे जल संकट वाले क्षेत्र में वर्षा के दिनों में अतिरिक्त गंगाजल को पाइप के माध्यम से राजगीर, नवादा, गया एवं बोधगया में ले जाकर संचयन किया जाएगा और संचित पानी को शुद्ध कर घरों में पहुंचाया जाएगा।

तालाब की महता पर दिया जोर

मुख्यमंत्री ने तालाब की महत्ता को इंगित करते हुए बताया कि जब स्वर्गीय जॉर्ज फर्नाडिस रक्षा मंत्री थे और वे रेल मंत्री तो वर्ष 1998 में राजगीर में आयुध कारखाना की स्थापना के दौरान उन्होंने ही सुझाव दिया था कि यह पहाड़ी क्षेत्र है यहाँ कारखाना बनाया जा रहा है। लेकिन पेय-जल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। मेरे सुझाव पर उस आयुध कारखाना में इतने बड़े-बड़े तलाब का निर्माण करा दिया गया कि यदि लगातार 2 वर्षों तक भी वर्षा ना हो तो वहां किसी को जल की कमी नहीं होगी। उन तालाबों में वर्षा के दिनों में पहाड़ियों से आने वाले जल को संग्रहीत किया जाता है। इस तरह की व्यवस्था अन्य जगहों पर भी करने की जरूरत है।

मनाया जाएगा जल जीवन हरियाली दिवस

उन्होंने कहा कि उनके मन में यह बात आई थी कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत काम तो बहुत किए गए लेकिन, ऐसा ना हो कि लोग धीरे-धीरे इससे विमुख हो जाए। इसलिए प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान से बिहार के हर परिवार को जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि जीविका समूह के 1.20 करोड़ परिवार इस अभियान से जुड़ चुके हैं। क्योंकि, जल और हरियाली रहेगी, तभी जीवन सुरक्षित रहेगा न केवल मनुष्य का बल्कि, पशु-पक्षी भी सुरक्षित रहेंगे।

विश्व में सुनाई देगी योजना की गूंज

इसके पूर्व माननीय उप मुख्य मंत्री तार किशोर प्रसाद ने प्रकृति की महत्ता से अवगत कराते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में वृक्ष एवं प्रकृति की पूजा प्राचीन काल से चली आ रही है। छठ पूजा, बट सावित्री पूजा इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को भी पीपल वृक्ष के नीचे ही ज्ञान प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली योजना की गूंज न सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में सुनाई देगी। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री को इस अभियान की शुरुआत करने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया।

माननीय उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने भी जल-जीवन-हरियाली योजना की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इस अभियान की प्रारंभ कराने के लिए माननीय मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापन किया। माननीय ग्रामीण विकास मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस योजना की महत्ता से अवगत कराया एवं इस अभियान को चलाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापन किया। मुख्य सचिव बिहार ने दक्षिण बिहार के जिलों के नदियों में छोटे-छोटे चेक डैम बना कर पानी रोकने की आवश्यकता बतायी। 

परिचर्चा में बेला गांव, जयनगर, मधुबनी की जीविका दीदी शयदा खातून ने अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने जीविका दीदियों द्वारा वृक्षारोपण अभियान में किए गए कार्य से भी सभी को अवगत कराया एवं जल- जीवन- हरियाली के महत्व पर प्रकाश डाला।  इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री के कर कमलों से जीविका दीदी शईदा खातून, ब्रेडा के अधीक्षण अभियंता खगेश चौधरी, कृषि विभाग के उप निदेशक अनिल झा, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता नंद कुमार झा, पीएचईडी के मुख्य अभियंता अशोक कुमार, मुख्य वन संरक्षक सुरेंद्र सिंह, विशेष सचिव, लघु जल संसाधन विभाग गोपाल मीणा को जल-जीवन से पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े थे।

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