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कुख्यात मुचकुंद से ताल्लुक रखनेवाले सफेदपोशों के उड़े होश, राउटर वाले मोबाइल में दफन हैं सारे राज़

कुख्यात मुचकुंद से ताल्लुक रखनेवाले सफेदपोशों के उड़े होश, राउटर वाले मोबाइल में दफन हैं सारे राज़

PATNA : जरायम की दुनिया का कुख्यात मुचकुंद पुलिस की मुठभेड़ में मारा गया लेकिन अपने पीछे कई अनसुलझे सवाल और राज़ छोड़ गया। ये सारे राज़ उसके मोबाइल में दफन हैं। मुचकुंद के मारे जाने से पुलिस के साथ जहां आम लोगों ने राहत की सांस ली है वहीं कई सफेदपोश अंडरग्राउंड हो गये हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस को मुचकुंद के पास से दो मोबाइल मिले हैं। एक मोबाइल में सिम कार्ड है, जिससे वो अपने गुर्गों से बात करता था। इसी मोबाइल में उसकी गर्लफ्रेंड की तस्वीरें भी कैद हैं। इस मोबाइल से पुलिस को उतनी उम्मीद नहीं है। पुलिस उसके दूसरे मोबाइल को खंगालने में लगी है। मुचकुंद फरारी में इसी मोबाइल से अपने काले कारनामे की डीलिंग करता था। इसी मोबाइल से वो कई सफेदपोशों से बात करता था। 

राउटर से चलाता था दूसरा मोबाइल

मुचकुंद के दूसरे मोबाइल के बारे में बताया जा रहा है कि इस मोबाइल में कोई सिम कार्ड नहीं लगा है। इसे मुचकुंद राउटर से कनेक्ट किए हुए था। इंटरनेट के जरिए वह इसी मोबाइल से कॉल करता था। इस मोबाइल का लॉक नहीं खुल पाया है। मोबाइल में फिंगर टच लॉक लगा हुआ है। अब पुलिस इस मोबाइल को एफएसएल में भेजेगी ताकि मुचकुंद का कनेक्शन किन बड़े लोगों से था, यह पता चल सके। 

पढ़ने में मेधावी था मुचकुंद

नौबतपुर के चेचौल गांव का रहनेवाला मुचकुंद पढ़ने में काफी मेधावी था। वो नौबतपुर के सेंट जोसेफ हाईस्कूल में पढ़ता था। बाद में उसे जिला हाईस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की। उसे परीक्षा में 83 प्रतिशत मार्क्स आए थे। मुचकुंद की एक बहन मुंबई में रहती है। वो इंजीनियर है। मुचकुंद के पिता किसान हैं। मुचकुंद के पिता को भी अपने बेटे के कारनामे की सजा भुगतनी पड़ी है। आर्म्स एक्ट के एक केस में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 

तीन दिन पहले से चल रहा था लुका-छिपी का खेल  

कहा जा रहा है कि मुचकुंद और पुलिस के बीच तीन दिन से लुका-छिपी का खेल चल रहा था। तीन दिन पहले पुलिस ने जहानाबाद के एक होटल में छापेमारी की थी। वहां से पुलिस ने मुचकुंद के दाहिना हाथ कहे जाने वाले किशन को गिरफ्तार किया था। किशन भी नौबतपुर का रहनेवाला है। ऐसा कहा जाता है कि जहानाबाद के जिस होटल में पुलिस ने छापेमारी की थी, उसी होटल के एक कमरे में छापेमारी के वक्त मुचकुंद अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रंगरेलियां मना रहा था। पुलिस को धोखा देने के लिए मुचकुंद ने होटल में अपना नाम अभिषेक लिखवा रखा था। इसी नाम से उसका आधार कार्ड भी बना हुआ है। किशन से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने उसके बारे में उस वक्त नहीं बताया और जब तक पुलिस को उसके बारे में किशन बताता, वह गर्लफ्रेंड के साथ होटल से फरार हो गया। 

गर्लफ्रेंड के चक्कर में मारा गया मुचकुंद

पुलिस लगातार मुचकुंद के पीछे लगी थी और मुचकुंद लगातार अपनी गर्लफ्रेंड के पीछे। 13 दिसंबर की रात पुलिस को पता चला कि वह राजीवनगर में रहने वाली गर्लफ्रेंड से मिलने गया है और वहां से वह बाइक से लौटेगा। गर्लफ्रेंड से मिलकर जैसे ही वह लौटा, पुलिस ने उसका पीछा शुरू कर दिया और फिर पटना के रूपसपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस को हाल ही में पता चला था कि मुचकुंद दूसरे राज्य में नहीं रह रहा था बल्कि वह जहानाबाद व पटना में ही रहकर अपने ठिकानों को बदलते रहता था। 


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