NEWS4NATION DESK : वाजपेयी सरकार में सॉलिसिटर जनरल रहे और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव का केस लड़कर पाकिस्तान को पटखनी देने वाले देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के कानूनी सलाहकार के पद पर नियुक्त किया जाएगा। मार्च में इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
हरीश साल्वे को क्वीन काउंसल (क्यूसी) नियुक्त किया गया है। क्यूसी की नियुक्ति महारानी एलिजाबेथ की तरफ से की जाती है। महारानी ने उन्हें इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों के लिए अपना वकील नियुक्त किया है। क्यूसी की नियुक्ति में महारानी कॉमनवेल्थ देशों से कुछ सीनियर एडवोकेट्स का सेलेक्शन करती हैं। इस बार हरीश साल्वे का नाम इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया है।
बार एंड बेंच की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। क्यूसी का टाइटल उन एडवोकेट्स को दिया जाता है जिन्होंने वकालत के प्रोफेशन में अपनी महारत और क्षमता का प्रदर्शन किया हो। साल्वे और बाकी दूसरे एडवोकेट्स की आधिकारिक नियुक्ति 16 मार्च को क्यूसी के तौर पर होगी। उस समय लॉर्ड चांसलर वेस्टमिंस्टर हॉल में इस नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा करेंगे। हरीश साल्वे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नवंबर 1999 से नवंबर 2002 तक देश के सॉलिसिटर जनरल के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान समय में वह ब्लैकस्टोन चैंबर्स में बैरिस्टर के पद पर हैं।
ब्रिटिश सरकार के न्याय विभाग की ओर से इस पर एक जारी प्रेस रिलीज भी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि महारानी ने अपने 114 वकीलों को बतौर क्वीन काउंसल (क्यूसी) नियुक्त किया है। न्याय विभाग की जारी प्रेस रिलीज में जिन 114 वकीलों के नाम दिये गये है उनमें हरीश साल्वे का नाम भी शामिल है।
बता दें हरीश साल्वे देश के कुछ बड़े और मशहूर वकीलों में से एक हैं। मई 2017 और फिर जुलाई 2019 में उन्होंने आईसीजे में जाधव का केस लड़ा था। करोड़ों रुपए की फीस लेने वाले साल्वे ने जाधव के केस के लिए बस एक रुपए फीस ली थी। अपने तर्कों से साल्वे ने पाकिस्तान के प्रयासों को एक के बाद एक करके विफल कर दिया था।
साल्वे ने पिछले दिनों भारत की आर्थिक मंदी के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार ठहराया था। साल्वे ने कहा था कि मंदी की शुरुआत 2012 में ही हो गई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम केस में टेलिकॉम ऑपरेटरों के 122 स्पेक्ट्रम लाइसेंस कैंसिल कर दिए थे।