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हत्या के आरोप में डेढ़ साल से सजा काट रहे दो लोगों को पुलिस ने किया रिहा, फिर भी हो रही है तारीफ

हत्या के आरोप में डेढ़ साल से सजा काट रहे दो लोगों को पुलिस ने किया रिहा, फिर भी हो रही है तारीफ

डेस्क। डेढ़ साल  पहले एक विवाहित महिला ससुराल से मायके जाने के दौरान लापता हो गई। अगले दिन पुलिस को एक महिला की लाश मिलती है। महिला के पिता उसे अपनी बेटी बताते हैं और हत्या के आरोप में ससुराल के दो लोगों को जेल भेज दिया जाता है। हत्या का यह मामला बेहद साधारण लगता है। लेकिन महिला की हत्या के आरोप में जिन दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उन्हें अब रिहा कर दिया गया है। पुलिस के इस कदम को लेकर जहां आलोचना होनी चाहिए, वहीं लोग उनके काम की तारीफ कर रहे हैं।

दरअसल महिला की हत्या का मामला बेहद ट्विस्ट वाला है। 2008 में परसा थाना क्षेत्र के बाजितपुर गांव निवासी विजय सिंह की पुत्री स्वीटी देवी की शादी डेरनी थाना क्षेत्र के ककरहट गांव के मनबोध कुमार से शादी हुई थी जिससे दोनों के 2 पुत्र थे. शादी के बाद मनबोध की दिमागी हालत ठीक नहीं रह रही थी. 15 मई 2019 को स्वीटी 7 वर्षीय अपने छोटे पुत्र पवन को टैंपू में बैठाकर अपने ससुराल से निकल गई. ससुराल के लोगों ने महिला के मायके में इसकी जानकारी दे दी।  लेकिन, महिला घर नहीं पहुंची। जिसके बाद उसकी तलाश शुरू की गई। दो दिन बाद 17 मई को भेल्दी के हकमा के समीप डबरा नदी से भेल्दी पुलिस ने एक महिला के शव मिला, जिसे महिला के पिता विजय सिंह ने अपनी बेटी की लाश के रूप में शिनाख्त की। जिसके बाद पिता की शिकायत के आधार पर ससुराल के पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। जिसमें पुलिस ने दो लोगों को जेल भेज दिया। 

गायब छोटे बेटे की खोज में आया नया ट्विस्ट, जिंदा मिली महिला

घटना में महिला से साथ मौजूद छोटे बेटे पवन की कोई जानकारी नहीं थी।  जिसकी तलाश के लिए पुलिस जांच में लगी थी।  डीएसपी के आदेश पर अनुसंधान कर रहे अधिकारी को बदलकर भेल्दी थानाध्यक्ष विकास कुमार को अनुसंधानक बनाया गया. इस दौरान काफी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि महिला घर से निकलने के बाद सीधे मुम्बई अपने छोटे पुत्र के साथ चली गई. जहां से वो मुज़फ़्फ़रपुर पवन एक्सप्रेस से आई थी कि पुलिस को भनक लगी और उसे बरामद किया गया.

दोनों आरोपी को किया गया आरोप मुक्त

मामले में डीएसपी ने बताया कि जब हमारे पास मामला आया, तो हमने सबसे पहले बच्चे की तलाश शुरू की. जिसके बाद नई जानकारियां मिलती चली गई और हमने महिला को जिंदा बरामद करने में सफलता हासिल की। जिसके बाद दोनों आरोपी को अब दोष मुक्त करार दिया गया है। जहां इस कार्रवाई के दो लोगों को निर्दोष साबित करने पर लोग पुलिस की तारीफ कर रहे हैं। वहीं यह सवाल भी उठता है कि बेगूनाह होने के बाद जिंदगी के डे़ढ़ सार जेल में बिताने पड़े हैं, उसकी भरपाई कैसे होगी। 

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