HAZARIBAGH : लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होने से पहले ही भाजपा में ऐसे सांसद सामने आने लगे है, जो खुद ही आनेवाले चुनाव से खुद को अलग कर रहे हैं। इस लिस्ट में सबसे पहले पूर्व नई दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने चुनाव लड़ने से इनकार किया, वहीं इसके बाद अब झारखंड के हजारीबाग से सांसद व पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने भी चुनावी पारी खेलने से अपने कदम पीछे कर लिए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को दी है।
जयंत सिन्हा ने एक्स पर लिखा, ''मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से चुनावी दायित्वों से मुक्त करने की अपील की है ताकि मैं भारत और दुनिया में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयास पर ध्यान दे पाऊं. निश्चित तौर पर मैं आर्थिक और सुशासन के मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करता रहूंगा.
दस साल रहे हजारीबाग से सांसद
जयंत सिन्हा ने लिखा कि मुझे पिछले 10 वर्षों से भारत और हजारीबाग के लोगों की सेवा करने का अवसर मिलता रहा. इसके अतिरिक्त, पीएम नरेंद्र मोदीजी और गृह मंत्रीअमित शाह जी और बीजेपी के नेतृत्व की ओर से कई अवसर उपलब्ध कराए गए. मैं सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं. जय हिंद'
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मिली थी बड़ी जिम्मेदारी
जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. जयंत सिन्हा 2014 में पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्हें पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री बनाया गया था। जयंत सिन्हा 2016 से 2019 के बीच ने उड्डयन राज्य मंत्री रहे हैं। इसके अलावा 2014 से 2016 के बीच वित्त राज्य मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। जयंत सिन्हा को 2019 में एकबार फिर हजारीबाग सीट से टिकट दिया गया था और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे भी उतरे. उन्होंने एकबार फिर जीत हासिल की। लेकिन पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कोई मंत्रालय नहीं दिया गया था।