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एक दूसरे के साथ गर्मजोशी से मिले दो शक्तिशाली देशों के मुखिया, आतंकवाद, व्यापार के मुद्दे पर एक दूसरे का साथ देने का दिया भरोसा

एक दूसरे के साथ गर्मजोशी से मिले दो शक्तिशाली देशों के मुखिया, आतंकवाद, व्यापार के मुद्दे पर एक दूसरे का साथ देने का दिया भरोसा

DESK : अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की यह मोदी से पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ एक दूसरे का स्वागत किया। इस द्विपक्षीय मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के रिश्ते को मजबूती प्रदान करने को लेकर बात की। इस दौरान बाइडेन ने अपने उपराष्ट्रपति कार्यकाल को याद किया, जब वे मुंबई आए थे तो वहीं मोदी ने ट्रेड से लेकर कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन से लेकर क्वॉड जैसे मसलों पर बात की। वहीं इस भेंट के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत आने का न्योता भी दिया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और बाइडेन के बीच बैठक में पाक का भी नाम आया और आतंकियों को संरक्षण देने पर निशाना भी साधा गया। बता दें कि गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान श्रृंगला ने बताया था कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका का उल्लेख किया था और यह माना था कि पाकिस्तान में आतंकी गूट सक्रिय हैं।

तीसरे दशक के लिए साथ काम करने पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा- व्हाइट हाउस आकर खुश हूं। दोनों देशों के लोकतंत्र और परंपराएं दुनिया के लिए मिसाल हैं। बाइडेन का विजन हमारे लिए प्रेरक है। अमेरिका में 40 लाख भारतीय रहते हैं। यह अमेरिका को ताकत बनाने में मदद कर रहे हैं। हमें पीपुल टू पीपुल कॉन्टैक्ट को और बढ़ाना होगा। मोदी ने आगे कहा कि प्रेसिडेंट बाइडेन से 2014 और फिर 2016 में बातचीत का मौका मिला था। हम इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में मिल रहे हैं। बाइडेन की लीडरशिप इस दशक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 

अफगानिस्तान मसले पर भी हुई चर्चा

अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी माना कि अफगानिस्तान में वर्तमान सरकार समावेशी नहीं है। अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं की भागीदारी नहीं है। मानवाधिकारों से जुड़े मसले हैं। इसलिए इसे वास्तव में लोकतांत्रिक नहीं माना जा सकता है।पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी आतंकवादी समूहों को शरण देने या प्रशिक्षित करने के लिए और किसी देश को धमकी देने और हमला करने के लिए नहीं किया जाए। 

मोदी ने इन मुद्दों पर की चर्चा

पदभार संभालने का बाद आपने कोविड, जलवायु परिवर्तन और क्वाड जैसे मसलों पर ध्यान दिया।

महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि हम इस प्लेनेट के ट्रस्टी हैं। यह भावना ही भारत-अमेरिका के बीच संबंध मजबूत करेगी।

भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड का अपना महत्व है। इस दशक में ट्रेड के क्षेत्र में हम एक-दूसरे को मदद कर सकते हैं।

बहुत सी ऐसी चीजों की भारत को जरूरत है, जो अमेरिका के पास हैं। बहुत सी चीजें भारत के पास हैं, जो अमेरिका के काम आ सकती हैं।

भारत और अमेरिका के संबंधों में ट्रांसफॉर्मेटरी आ रही है। हम लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों के लिए हम समर्पित हैं।

बाइडेन ने यह कहा 

मुझे विश्वास है अमेरिका-भारत संबंध कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकते हैं।

2006 में मैंने कहा था कि 2020 तक भारत-अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देश होंगे।

बाइडेन ने अपनी मुंबई विजिट को याद किया। उस समय वे अमेरिका के उप राष्ट्रपति थे।

बाइडेन ने मजाक में कहा कि मुंबई में उनके रिश्तेदार हैं। उन्हें मुंबई से एक व्यक्ति का खत मिला था, जिसका नाम बाइडेन था।

दोनों देश के बीच संबंधों को मजबूत करने, स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने, COVID-19 और जलवायु परिवर्तन तक हर चीज से निपटने के लिए तत्पर हूं।

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