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खुद को ही बचाने में स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन खेल रहे मरीजों की जान से ! जानिए पूरा मामला….

खुद को ही बचाने में स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन खेल रहे मरीजों की जान से ! जानिए पूरा मामला….

डेस्क… विगत 7 दिनों से जनूयिर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है, लेकिन न तो हड़ताल खत्म कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहल कर रहा है और न ही अस्पताल प्रबंधन। ये दोनों खुद को ही बचाने में हजारों मरीजों की जान से खेलते नजर आ रहे हैं। स्वास्थ विभाग जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने को लेकर उदासीन बना हुआ है।  राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 7 दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने को लेकर अब तक विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।

बताया जाता है कि विभाग चाहता है कि मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य अपने स्तर पर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त करने को लेकर कार्रवाई करे। इसके लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से लगातार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य व अधीक्षकों को निर्देश दिए जा रहे हैं।

वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य विभाग द्वारा कोई लिखित आदेश जारी नहीं होने से किसी प्रकार की कार्रवाई करने में असमर्थता जता रहे हैं। प्राचार्य का मानना है कि जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई किए जाने से सीधे उनके निशाने पर आ जाएंगे। इधर, हड़ताल के कारण लगातार छठे दिन भी अस्पतालों में मरीज परेशान रहे और इलाज के दौरान इधर-उधर भटकते रहे।

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को सातवें दिन भी जारी है। हड़ताल से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। मंगलवार सुबह से ही ओपीडी में मरीजों की संख्या कम होती नजर आ रही है। ऑपरेशन टल रहे हैं और भर्ती के लिए आए मरीज दर्द से कराहते हुए जमीन पर लेटने को मजबूर हैं। यहां तक कि एक्स-रे और खून की जांच तक समय पर नहीं हो पा रही है। रिपोर्ट नहीं मिलने से कई मरीज खुले में रात बिताने पर मजबूर हो रहे हैं।

सीनियर डॉक्टर भी वार्डों में 24 घंटे में एक बार आते हैं और बहुत तेजी में हालचाल लेकर निकल जा रहे हैं। मरीजों की समस्याएं बढ़ रही हैं। इलाज बुरी तरह प्रभावित है। जूनियर डॉक्टर को मनाने के लिए पीएमसीएच प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी लगे हुए हैं, लेकिन बिना उचित आश्वासन के जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने से साफ इनकार कर दिया है।

आईएमए भी समर्थन में

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉ. कुंदन सुमन ने कहा कि आईएमए भी उनकी मांगों का समर्थन कर रहा है। उनकी ओर से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. विमल कारक ने बात की है, लेकिन देर शाम तक उनकी मांगों को माने जाने की कोई सूचना नहीं मिली है। इस कारण हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। अगर उनकी ओर से और विभाग से कोई सकारात्मक संदेश मिलेगा तभी मंगलवार को जूनियर डॉक्टर काम पर लौटेंगे। 

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