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नर्स और डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य सेक्टर, प्रति हजार की आबादी पर 2 नर्स भी नहीं

नर्स और डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य सेक्टर, प्रति हजार की आबादी पर 2 नर्स भी नहीं

DESK. देश के चिकित्सा क्षेत्र में नर्सों और डॉक्टरों की भारी कमी है. केंद्र सरकार ने संसद में इसकी पुष्टि की है.  सरकार ने बताया कि भारत में प्रति 1000 की आबादी पर नर्सों की संख्या 1.96 है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने ‘इंडिया नर्सिंग काउंसिल रिकॉर्ड्स’ के हवाले से आंकड़े बताये।

उन्होंने बताया कि देश में 33.41 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी हैं. 23,40,501 पंजीकृत नर्स हैं. 10,00,805 नर्स सहयोगी हैं और 56,854 महिला ‘हेल्थ विजिटर’ हैं. इनकी संख्या देश की आबादी के अनुपात में प्रति 1000 पर 1.96 है. यह तय मानकों की तुलना में कम है. नर्सों की कमी न सिर्फ शहरी इलाकों में है बल्कि गांवों में भी नर्सों की भारी कमी है. खासकर गांवों में आशा जैसी स्वास्थ्यकर्मी के होने के बाद भी नर्सों की जोरदार कमी है. वहीं शहरों में बड़े अस्पताओं की तुलना में छोटे स्वास्थ्य केन्द्रों में नर्सों की कमी है. 

चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टरों की संख्या भी कम है. स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने बताया कि नवंबर 2021 की स्थिति के अनुसार, देश में डॉक्टर व आबादी का अनुपात 1:834 है। इनमें से 80 फीसदी पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर हैं। उन्होंने बताया कि स्नातकोत्तर स्तर पर चिकित्सा पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या 2014 में 31,185 थी, जो 93 फीसदी बढ़ कर अब 60,202 हो चुकी है। 13,01,319 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं राज्य चिकित्सा परिषदों, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग में 2.89 लाख दंत चिकित्सक हैं. इसके अलावा 13 लाख संबद्ध एवं स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर हैं. 


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