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बोधगया बम ब्लास्ट में पांचों आरोपियों को उम्रकैद की सजा, NIA कोर्ट का फैसला

बोधगया बम ब्लास्ट में पांचों आरोपियों को उम्रकैद की सजा, NIA कोर्ट का फैसला

बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को पटना एनआइए की कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। जज ने आपने आदेश में पांचों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी है। साथ ही सभी आरोपियों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट में एनआइए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी-से-कड़ी सजा देने की मांग की थी। 4 साल, 10 महीने व 12 दिन के बाद आज शुक्रवार को इस मामले में फैसला आया। पटना में 2013 में सिविल कोर्ट में गठित एनआइए कोर्ट का ये पहला फैसला है। बोधगया ब्लास्ट में एनआइए ने 90 गवाहों को पेश किया था। विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना निर्णय 25 मई तक सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि सीरियल बम ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था। फैसले को लेकर आज सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी। खचाखच भरे कोर्ट में आरोपी हैदर अली, मुजीबुल्लाह, इम्तियाज अंसारी, उमेर सिद्दीकी और अजहरउद्दीन कुरैशी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। 

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फिलहाल पांचों आरोपी पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। इसके पहले शुक्रवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई पूरी हो गयी थी। आइएम के पांचों आतंकियों को दोषी करार दिया जा चुका था। दोषी साबित हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मुजीबुल्लाह, इम्तियाज अंसारी, उमेर सिद्दीकी और अजहरउद्दीन कुरैशी बेउर जेल में बंद हैं। मामला संवेदनशील होने के कारण आरोपियों की पेशी के दौरान कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। कोर्ट में मामले से जुड़े लोग और वकीलों को ही रहने की इजाजत थी। इधर, बोधगया बम ब्लास्ट मामले में फैसला आने के बाद से ही बौद्ध भिक्षुओं में खुशी की लहर दौड़ गयी है। बौद्ध भिक्षुओं ने एनआइए कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।  

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आपको बता दें कि एनआइए अदालत के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने 25 मई को सभी पांचों आरोपितों को दोषी करार दिया था। घटना 7 जुलाई 2013 की है। आरोपितों ने बौद्ध मंदिर के अंदर और बाहर कुल 13 बम प्लांट किए थे। इसमें से नौ बमों में विस्फोट हुआ था और तीन जिंदा बम बरामद किए गए थे। साल 2013 में हुए इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के एक तीर्थ यात्री घायल हो गए थे। 

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