पटना. सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताज़ा पानी आने के लिए बनाया गये नाले बंद होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने रोहतास के डीएम, डीसीएलआर, सासाराम नगर निकाय के अधिकारियों समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर है। इसके तालाब में साफ और ताज़ा पानी के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फी सदी नाले का काम हुआ। इसे बाद में खराब माना गया।इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है। जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पाता है। वह तालाब गंदा और कचडे से भरा हुआ है। वहां जो पर्यटक आते हैं, उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है। इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।