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लोमस और यज्ञबल्कय ऋषि के गुफाओं को संरक्षित करने पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, केंद्र को स्थान की वर्तमान तस्वीर उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

लोमस और यज्ञबल्कय ऋषि के गुफाओं को संरक्षित करने पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, केंद्र को स्थान की वर्तमान तस्वीर उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने विनय कुमार सिंह की जनहित याचिका को सुनते हुए  केंद्र सरकार व राज्य सरकार को लोमस और यज्ञबल्कय ऋषि के गुफाओं व पहाड़ियों का फोटो दो सप्ताह में कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।  इस जनहित याचिका पर  जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने  सुनवाई की। हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने माना कि इन पहाड़ियों का धार्मिक महत्त्व है और वहां पूजा अर्चना होती हैं। लेकिन ये पुरातत्व महत्व का स्थल नहीं है। 

याचिका में ये कहा गया कि लोमस  और याज्ञवल्कय ऋषि की गुफाएं केवल ऐतिहासिक दृष्टि से ही नही, बल्कि जैव विविधता के दृष्टि से भी बहुत  महत्वपूर्ण है । ऐसे स्थानों  को संरक्षित करने की बजाए  समाप्त किया जा रहा  है। इसके लिए  केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई हैं। राज्य सरकार के खनन व पर्यावरण विभाग के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि ये गुफाएं व पहाड़ी पर्यटन स्थल या ऐतिहासिक महत्व की नहीं हैं।लेकिन राज्य सरकार इसे संरक्षित रखेंगी और इसे नष्ट नहीं होने देगी।

 इन पहाड़ के जंगल व  आस पास  होने वाले खनन कार्य पर पटना हाईकोर्ट ने  20 जुलाई, 2021  को रोक लगा दी थी।  यह रोक को अगली सुनवाई तक जारी रखने  का कोर्ट ने  निर्देश दिया था।   सुनवाई के दौरान कुछ लोगों ने हस्तक्षेप अर्जी के जरिये खनन कार्य पर से रोक हटाने का अनुरोध किया, जिसे हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दिया । 

याचिकाकर्ता  के वकील ने कोर्ट को बताया कि 1906 में प्रकाशित तत्कालीन गया जिले के गज़ट में दोनों पहाड़ियों का  सिर्फ पुरातात्विक महत्त्व ही नही बताया गया हैं, बल्कि वहां की जैव विविधता के बारे में भी अंग्रजों ने  लिखा  है।  उन पहाड़ियों के 500 मीटर के दायरे में झरना , बरसाती नदी और एक  फैला हुआ वन क्षेत्र है। उस जंगल को  अवैध  खनन कर बर्बाद किया जा रहा है।

 लोमस और याज्ञवल्कय पहाड़ियों को आर्कियोलॉजिकल एवं हेरिटेज साइट बनाने का कोर्ट से आग्रह  किया गया। कोर्ट ने दोनों पहाड़ियों के वन क्षेत्र विस्तार और रिहाइशी बस्तियों के बिंदु पर राज्य व  केंद्र सरकार से जवाब मांगा था ।  इस  मामले पर अगली  सुनवाई  दो सप्ताह बाद की जाएगी।

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