पटना. पटना हाईकोर्ट में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टल गयी है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इस मामले पर सुनवाई की जा रही है।
कल एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि पटना के बिहार विद्यापीठ का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए राज्य केबिनेट ने अध्यादेश पारित कर दिया है। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन अपने हाथ में लेने हेतु कानून बनाने को कहा।
कोर्ट ने कहा था कि अगर विधान सभा यदि सत्र में नहीं हो, तो इसके लिए अध्यादेश लाया जा सकता है, जिसे बाद में कानून का रूप दिया जा सकता है। बिहार विद्यापीठ द्वारा एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 25 जुलाई 2022 को निर्धारित की है।
कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार को पटना स्थित बिहार विद्यापीठ का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए विशेष प्रस्ताव राज्य सरकार को पारित करने को कहा था। इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।