GORAKHPUR : शाहपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरवा में सोमवार की आधी रात के बाद एक सिलाई कारीगर ने अपनी दो बेटियों के साथ फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने मोहल्ले वालों की सूचना पर मौके पर पहुंच कर तीनों शवों को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है। मृतक का नाम जितेंद्र श्रीवास्तव बताया गया है। वह मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के भलुई गांव के रहने वाले थे। लेकिन पिछले 15 साल से वह अपने पिता और परिवार के साथ गोरखपुर में रह रहे थे।
घटना को लेकर बताया गया कि चार साल पहले जितेंद्र की ट्रेन हादसे में पैर कट गया था, जिसके बाद वह कपड़ों की सिलाई कर गुजारा कर रहे थे। वहीं दो साल पहले कैंसर से पत्नी की मौत हो गई, लेकिन इलाज में सारी जमापूंजी खत्म हो गई। जिससे घर की स्थिति चरमरा गईथी। ऐसी हालत में जितेंद्र के बुजुर्ग पिता गार्ड ओमप्रकाश श्रीवास्तव गार्ड की नौकरी कर परिवार का गुजर बसर कर रहे थे।
रात को ड्यूटी पर गए सुबह खत्म हो गया परिवार
ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि बीती रात उनकी नाइट डयूटी थी। जिसके कारण वह चले गए। वहीं जितेंद्र श्रीवास्तव (45 साल) रात को खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चला गया। दो पोतियां 16 वर्षीया मान्या और 14 वर्षीया मानवी दूसरे कमरे में सोई थीं। सुबह जितेंद्र के पिता ओमप्रकाश श्रीवास्तव जो गार्ड की नौकरी कर घर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। काफी देर तक आवाज लगाने के बाद भी प्रतिक्रिया न होने पर वह घबरा गए। वहीं इस दिल दहलानेवाली घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया।
उन्होंने मोहल्ले के लोगों को बुलाया। दरवाजा खोला गया। अंदर कमरे में जितेंद्र का शव छत की कुंडी से लटक रहा था। ओमप्रकाश चीख पड़े। वह भागकर दूसरे कमरे की तरफ गए। दूसरे कमरे का हाल देखकर वह बेसुध हो गए। अंदर मान्या और मानवी का भी शव छत की कुंडी से लटक रहा था। लोगों ने पुलिस को सूचना दी।