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बीजेपी-जदयू में भारी खींचतान: CM नीतीश के कदम से खुश नहीं है भाजपा! सर्वदलीय मीटिंग के लिए अबतक नहीं दी सहमति

बीजेपी-जदयू में भारी खींचतान: CM नीतीश के कदम से खुश नहीं है भाजपा! सर्वदलीय मीटिंग के लिए अबतक नहीं दी सहमति

पटना. बिहार में जातीय जगणना को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा और जदयू में साफ मतभेद देखा जा रहा है. इस बीच जातीय गणना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा. सीएम ने कहा कि बिहार के सभी दल इस पर समहत है. सिर्फ बीजेपी का ही विचार इससे अलग है. इस पर बातचीत चल रही है. साथ ही सीएम नीतीश ने कहा कि हमें नहीं लगता है कि बिहार में जातीय जनगणना पर किसी को भी आपत्ती होनी चाहिए. फिर भी इस पर बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के फैसले आने के बाद जातीय जनगणना की तिथि घोषित कर दी जाएगी.

आंदोलन की चेतावनी- कुशवाहा

बिहार में जातीय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है. सत्ताधारी गठबंधन में इसको लेकर लगातार मतभेद देखने को मिल रहा है. इस मामले में जदयू, भाजपा से अलग राय रखकर केंद्र की भाजपा सरकार से जातीय जनगणना कराने और बिहार को विशेष राज्य दिये जाने की मांग कर रही है. इस बीच जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि यदि केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनगणना और जातीय गणना नहीं कराती है तो जदयू इस पर आंदोलन के लिए विचार करेगी.

राष्ट्रीय जनगणना भी नहीं होगा

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बार केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनगणना नहीं कराने के मूड में है. सुत्रों के हवाले से बताया गया है कि केंद्र सरकार 2021 में राष्ट्रीय जनगणना नहीं कराकर 2031 में कराएगी. इस बार जनगणना की रिपोर्ट कोरोना वैक्सीनेशन और जन्म-मृत्यु के सर्टिफिकेट के अधार पर संभावित डाटा जुटाकर तैयार की जाएगी. इसके पीछे का तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण में बच्चों की पढ़ाई ऐसे भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. ऐसे में जनगणना में टीचरों को और भी उलझाया नहीं जा सकता है. साथ ही इस साल 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी है, तो ऐसे में राष्ट्रीय जनगणन कराना और भी मुश्किल है. साथ ही इस राष्ट्रीय जनगणना पर होने वाली खर्च की एक बड़ी राशि को भी बचाया जा सकता है. चुकि वैसे भी कोरोना काल में भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार एक बड़ी राशि को बचाना चाहती है.

मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए जदयू संसदयी बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि यदि केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनगणना इस बार नहीं कराती है, तो इसे जातीय जनगणना न कराने की साजिश के रूप में देखा जाएगा. केंद्र सरकार ऐसा फैसला लेती है, तो जदयू इसको लेकर आंदोलन करने पर विचार कर सकती है.  


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