RANCHI : हरमू स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद समीर उराँव ने कहा कि राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है. जहां एक ओर सरकार किसानों के लिए लागत मूल्य से 150% मूल्य तथा कर्ज माफी का वायदा करके सत्ता में आई थी. वहीं दूसरी ओर किसानों को कर्जमुक्त और आत्मनिर्भर बनाने वाली कल्याणकारी योजना कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने की खबरें सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सरकार ने किसानों की बलि चढ़ाने का मन बना लिया है. कृषि आशीर्वाद योजना से जहां 35 लाख किसानों को सीधा लाभ मिल रहा था और वह कर्जदार के बजाय आत्मनिर्भर बन रहे थे. इस योजना के बन्द हो जाने से किसानों को एकबार फिर से महाजनों के गिरफ्त में जाने पर मजबूर कर दिया जाएगा.
उराँव ने कहा कि विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से खबर आ रही है कि हेमंत सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चल रही 1 रुपए में रजिस्ट्री योजना को भी बंद करने जा रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि 1 रुपये में रजिस्ट्री योजना एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान था. जिससे महिलाओं के साथ-साथ एक परिवार भी सशक्त एवं स्वालंबी बन रहा था और हेमंत सरकार का ऐसे कार्यक्रम को बंद करना उनकी द्वेषपूर्ण मानसिकता को साफ दर्शाता है. उन्होंने कहा कि 1 रुपये में जमीन/मकान की रजिस्ट्री ने आज महिलाओं को संपत्ति की मालकिन बनाया. यही कारण है कि पिछले पाँच वर्षों में 80 फीसदी रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हुई थी. लेकिन हेमंत सरकार सबकुछ जानते हुए भी सिर्फ भाजपा से उनके द्वेष के कारण ऐसी कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने जा रही है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर राज्य की महिलाओं के लिए इस तरीके से अहितकारी कदम उठाने के पीछे उनकी मंशा क्या है. उरांव ने कहा कि सरकार जब टेंडरों की जांच कर रही है तो उसे इस जांच में सोरेन परिवार के द्वारा राज्य के 7 जिलों में सीएनटी एसपीटी का उल्लंघन करके खरीदी हुई जमीनों की भी जांच करवा कर कार्यवाही करना चाहिए.
उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री दोहरी राजनीति करते हैं. लोहरदगा में बहुसंख्यक समाज के लोगों के जुलूस पर पथराव हुआ और एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा दर्जनों घायल हुए. लेकिन मुख्यमंत्री ने घटना के 20 दिन के बाद घटनास्थल का दौरा नहीं कर के बहुसंख्यक समाज के प्रति अपनी सोच दिखाई है. उन्होंने कहा कि जब विपक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा थी तो उसके नेता हमेशा कह देते कि जमीन मामलों की जाँच करने वाली एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. लेकिन सरकार बनते ही बदल गए हैं और अब उन्होंने एसआईटी की रिपोर्ट को ही दबा दिया है. यह साफ दिखाता है कि विपक्ष में उनके सुर कुछ और रहते हैं और सत्ता में आते ही उनके सुर बदल गए.
वहीँ प्रदेश प्रवक्ता अनिल सिन्हा ने कहा बड़े-बड़े वायदे और घोषणाएं करके सत्ता में आई हेमंत सरकार अब बहानेबाजी करने पर उतारू है और अपने वायदों को जमीन पर उतारने की क्षमता हेमंत सरकार में नहीं है. इसलिए खजाना खाली का बहाना करके जनता को दिग्भ्रमित कर रही है. उन्होंने कहा की पथ निर्माण विभाग में वर्ष 2014 में हुए टेंडर की भी सरकार को जांच करानी चाहिए या फिर 2015 से कराकर सरकार अपनी दुराग्रह का परिचय दे रही है.
रांची से कुंदन की रिपोर्ट