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मुखिया धर्मदेव राय हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट का वकील और जेल का कक्षपाल गिरफ्तार, 10 सालों से था फरार

मुखिया धर्मदेव राय हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट का वकील और जेल का कक्षपाल गिरफ्तार, 10 सालों से था फरार

पटना. कुरथौल के तत्कालीन मुखिया धर्मदेव राय हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट के अधिवक्ता सतीश कुमार और जेल के कक्ष पाल बृजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड में अधिवक्ता नामजद आरोपी बनाये गये थे. बता दें कि धर्मदेव राय को गोलियों से भून दिया गया था. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी का माहौल बन गयी थी. पटना के इस चर्चित हत्याकांड में कुरथौल के लक्ष्मी राय सहित उनके तीन बेटे को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. पुलिस ने लक्ष्मी राय एवं उनके अन्य बेटे राजकुमार को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

दो अन्य बेटे, जिसमें पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता सतीश कुमार उर्फ पप्पू एवं हाजीपुर जेल का कक्षपाल बृजेश कुमार उर्फ राम लखन पिछले 10 वर्षों से फरार चल रहा था. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने दोनों फरार अभियुक्तों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है. बेउर थाने के प्रशिक्षु डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि वर्ष 2011 में लक्ष्मी राय एवं धर्मराज राय के बीच जमीन में रास्ता को लेकर विवाद शुरू हो गया था.

मामला इतना बढ़ गया था कि लक्ष्मी राय के तीनों बेटे, जिसमें बृजेश कुमार उर्फ राम लखन जो उस वक्त हाजीपुर जेल में कक्षपाल के रूप में काम कर रहे थे. इसके अलावा पटना हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे दूसरे बेटे सतीश कुमार उर्फ पप्पू एवं तीसरे बेटे राजकुमार ने मिलकर धर्मदेव राय को गोलियों से भून डाला था. हत्या करने के बाद भी यह सभी फरार चल रहे थे. पुलिस ने लक्ष्मी राय एवं राजकुमार को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि बृजेश और सतीश फरार थे.

पुलिस को सूचना मिली कि बृजेश कुमार समस्तीपुर जेल में ड्यूटी बजा रहे हैं. थाने द्वारा विभागीय कार्रवाई के लिए लिखे जाने के बाद विभाग ने बृजेश कुमार के वेतन पर रोक लगा दी. सोमवार को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर समस्तीपुर से कक्षपाल बृजेश कुमार को उनके भाई सतीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि जिस राइफल से हत्या की गई थी. उस राइफल की बरामदगी के लिए भी बृजेश कुमार पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बृजेश कुमार जेल में कक्ष पाल की नौकरी करता है, जबकि सतीश कुमार अपने आपको पटना का हाईकोर्ट वकील बताता है.

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