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हाईकोर्ट का बिहार पुलिस से भरोसा खत्म! कहा - लापता बच्ची को नहीं ढूंढ पाना SSP के वश में नहीं, सीबीआई को सौंपी जिम्मेदारी

हाईकोर्ट का बिहार पुलिस से भरोसा खत्म! कहा - लापता बच्ची को नहीं ढूंढ पाना  SSP के वश में नहीं, सीबीआई को सौंपी जिम्मेदारी

PATNA  :  पटना हाईकोर्ट ने  मुज़फ़्फ़रपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के अपहरण के मामलें को जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें पर सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया।  पिछली सुनवाई में कोर्ट ने   सीबीआई और निर्देशक,सी एफ एस एल,नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुज़फ़्फ़रपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे। 

सुनवाई के दौरान अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी,मुजफ्फरपुर द्वारा आज़तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है। लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया जा रहा है।  पिछली सुनवाई मे  अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है ,जिसमे संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है।वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है।  इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एस एस पी को दिया जाए।  एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें।लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फ़ाइल किया गया है ,उसमे ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नही किया गया। 

कोर्ट में माना बच्ची को तलाशना बिहार पुलिस के लिए संभव नहीं

 कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एस एस पी, मुज़फ़्फ़रपुर द्वारा नही हो सकता है।कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि 14.10.2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए।कोर्ट ने  सीबीआई  के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।

यह है मामला

यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है।  इसका सुराग आज तक नहीं मिला है। खुशी के पिता मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे, जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट  में याचिका दायर किया था।ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था। इसमे याचिकाकर्ता ने मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था।

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