News4nation desk : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के नौकरशाही पर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसा लगता है कि राज्य की नौकरशाही अपंग हो गई है।
दरअसल शुक्रवार को हाईकोर्ट में कनहर बराज परियोजना निर्माण को लेकर सुनवाई हो रही थी। इस दौरान निर्माण की प्रारंभिक औपचारिकता दस साल में पूरी नहीं होने पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा कि दस साल में वन और पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं मिलने से प्रतीत होता है कि राज्य में नौकरशाही अपंग हो गई है।कोर्ट ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी करते क्या हैं? उन्हें पता ही नहीं है कि कहां वन भूमि है और कहां नहीं। आखिर नींद से कब जागेंगे अधिकारी।
अदालत ने राज्य और केंद्र सरकार को सभी क्लियरेंस जल्द करा चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
क्या है मामला
बता दें राज्य के पूर्व मंत्री एचपी देहाती ने जनहित याचिका दायर कर कहा था पलामू और आसपास के इलाके में सिंचाई की सुविधा नहीं है। सूखाग्रस्त जिला होने के कारण कनहर डैम बनना चाहिए। इसके बाद हाइकोर्ट ने सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने कनहर में डैम के बदले बराज बनाने की अनुशंसा की।