PATNA : राज्य के प्राइमरी व मिडल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु चल रहे नियोजन प्रक्रिया मामले में पटना हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन दायर करने को कहा है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिव जी चौरसिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता को आदेश की तिथि से चार सप्ताह के भीतर संबंधित अधिकारी के समक्ष अपने शिकायत के निवारण हेतु अभ्यावेदन दायर करने को कहा गया है। संबंधित अधिकारी आदेश की प्रति के साथ अभ्यावेदन मिलने पर इसे तीन महीने के अभ्यावेदन पर विचार कर शीघ्रता से निष्पादित करेंगे। इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि संबंधित सरकारी अधिकारियों द्वारा उक्त मामले में बार- बार पत्र जारी कर शिक्षकों के नियोजन हेतु निकाले गए विज्ञापन को विवादित बना दिया गया है। ये भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 का उल्लंघन है।
24 बार नियोजन के लिए कर चुके हैं विज्ञापन प्रकाशित
उनका कहना था कि कोई भी विज्ञापन सशर्त होता है। अभी तक संबंधित अधिकारियों द्वारा 24 से भी अधिक पत्र जारी किया जा चुका है, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का संकेत करता है। उन्होंने बताया कि कुछ इसी प्रकार की प्रक्रिया की वजह से वर्ष 2006 से 2011 के शिक्षक नियोजन में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। उनका कहना था कि प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का अच्छा तरीका ऑन लाइन प्रक्रिया है। आखिर ऑन लाइन आवेदन क्यों नहीं लिया जा रहा है। इससे उम्मीदवारों को काफी परेशानी हो रही है और भ्रष्टाचार को बढाबा मिलता है।