Patna: कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि महामारी जैसी आपदाओं में यदि किसी की रास्ते में ही आकस्मिक मौत हो जाये तो ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सरकार ने क्या नीति बनाई है? मामले पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की.
उल्लेखनीय है कि पिछले 25 मई को मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर एक मृत महिला का शव मिला था. वहीं पर उसका छोटा बच्चा अपनी मृत मां को जगाने की कोशिश करता हुआ देखा गया था. इस दर्दनाक घटना की वायरल हुई वीडियो और अखबारों में छपी खबर और तस्वीर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले पर शुरू की है.
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट को सहयोग करने के लिए नियुक्त कोर्ट मित्र अधिवक्ता आशीष गिरी ने कोर्ट को बताया कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत केंद्र व राज्य राज्य सरकार नीतियां तय करती हैं. लेकिन विपत्ति के समय किसी की मृत्य रास्ते मे हो जाने पर क्या किया जायेगा. साथ ही अबोध बालक को कैसे और किसे सुपुर्द किया जायेगा ताकि वह सुरक्षित और उसका भविष्य उज्ज्वल हो सके.
उनका कहना था कि आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए सरकार की स्पष्ट नीति होनी चाहिए. कोर्ट ने राज्य सरकार को नीतियों के संबंध में पूरा ब्यौरा देने का आदेश दिया है. मामले पर एक सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी.