NEWS4NATION DESK : अवैध संबंध बनाए रखने के लिए एक पत्नी और मां द्वारा ऐसी घटना को अंजाम दिया गया, जिसे जानकर आपके होश उड़ जायेंगे। अपने देवर के साथ अनैतिक संबंध को कायम रखने के लिए महिला ने अपने 6 साल के अबोध बच्चे की जान ले ली। इतना ही नहीं एससी होने के कारण उसने पहले पति के हत्या मामले में सरकार से मुआवजा लिया और फिर बेटे की हत्या का मुआवजा भी लेने के चक्कर में थी। मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की है। घटना के संबंध में बताया गया है कि एक मां ने पति की हत्या के बाद देवर से अवैध संबंधों में बाधक बने अपने छह साल अबोध बेटे को केवल इसलिए मार डाला, क्योंकि वह उनके बीच का राज जान गया था। इतना ही नहीं अनुसूचित जाति का होने की वजह से बेटे के मुआवजे के तौर वह साढ़े आठ लाख रुपये भी लेना चाहती थी और इसकी पहली किस्त भी ले चुकी थी। महिला इससे पहले अपने पति की हत्या होने पर सरकार से मुआवजा पा चुकी थी। मामले में महिला ने अपने बच्चे की खुद हत्या कर एक साजिश गढ़ते हुए अपने पारिवारिक विरोधियों को नामजद कर उनमें से एक को जेल भिजवा दिया था तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मिलने वाली सहायता के लिए आवेदन कर पहली किस्त के रूप में चार लाख रुपए भी सरकार से हासिल कर लिए थे।
एसपी ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया जब जांच में सभी आरोपी निर्दोष साबित होते दिखे तो नादान बालक की इरादतन हत्या की पहेली को सुलझाने के लिए नए सिरे से जांच कराई गई। तब शक की सुई मृत बच्चे के मां और उसके चाचा की ओर मुड़ने लगी। जिसे मोबाइल सर्विलांस ने भी काफी पुष्ट कर दिया। उन्होंने बताया कि जब दोनो से सख्ती से पूछताछ की गई तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। मामले बेहद चौंकाने वाला था क्योंकि, इसी वर्ष पति को खो चुकी महिला ने अपने बच्चे को सिर्फ इसलिए मार दिया, क्योंकि वह उसके व चाचा के बीच के संबंधों का राज जान गया था।
उन्होंने बताया कि नौहझील क्षेत्र के भैरई गांव में 19 जुलाई को अनुसूचित जाति के परिवार के छह वर्षीय पुत्र प्रिंस का शव गांव के कुएं में पड़ा मिला। उसकी मां गुड्डी ने गांव के आधा दर्जन लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करा दी। जिसके चलते पुलिस ने 21 अगस्त को एक नामजद आरोपी बच्चू को पकड़कर जेल भेज दिया था। इस मामले की जांच में पुलिस को आरोप सही नहीं मिले। गांव वाले भी पुलिस की थ्योरी को तस्दीक कर रहे थे। गांव में हुई महापंचायत में पुलिस से दुबारा भली प्रकार से जांच कराए जाने की मांग की गई। तब, गहन विवेचना के पश्चात गुड्डी और उसका देवर आकाश ही दोषी निकले।