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ऐतिहासिक दिन : 32 साल बाद बरौनी रिफाइनरी से विमानों के लिए इंधन का उत्पादन शुरू, बिहार के साथ इन राज्यों के एयरपोर्टस पर होगी सप्लाई

ऐतिहासिक दिन : 32 साल बाद बरौनी रिफाइनरी से विमानों के लिए इंधन का उत्पादन शुरू, बिहार के साथ इन राज्यों के एयरपोर्टस पर होगी सप्लाई

PATNA : शुक्रवार को बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन रहा।  32 साल बाद बेगूसराय के बरौनी रिफाइनरी से हवाई जहाज के इंधन उत्पादन शुरू हो गया है। अब बरौनी रिफाइनरी से उत्पादित इंधन से हवाई जहाज उड़ान भरेगा।इसका इंडियन आयल के अध्यक्ष एसएम वैद्य ने इसका आनलाइन शुभारंभ किया।   इसके साथ ही इंडजेट यूनिट से बरौनी मार्केटिंग टर्मिनल तक एटीएफ (जेट ए-1) फ्युल के पहले बैच के डिस्पैच का ऑनलाइन शुभारंभ शुक्रवार को हो गया। इस दौरान निदेशक (आरएंडडी) डा. एसएसवी रामकुमार, निदेशक (मानव संसाधन) रंजन कुमार महापात्र, निदेशक (विपणन) वी सतीश कुमार, निदेशक (रिफाइनरीज) शुक्ला मिस्त्री भी आनलाइन मौजूद थे।

पहला डिस्पैच

 बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक आर के झा एवं बरौनी रिफ़ाइनरी के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में बरौनी रिफ़ाइनरी के एटीएफ टैंक 241 के वाल्व को खोलकर बरौनी रिफाइनरी से पाइपलाइन के माध्यम से एटीएफ को बरौनी मार्केटिंग टर्मिनल डिस्पैच कर दिया गया। इस अवसर पर बरौनी रिफ़ाइनरी टीम की सराहना करते हुए अध्यक्ष एम एम वैद्य ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक अवसर है कि इंडियन ऑयल की बरौनी रिफ़ाइनरी बिहार के साथ-साथ नेपाल के हवाई ईंधन की ज़रूरत को पूरा करेगी। इंडजेट यूनिट इंडियनऑयल द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक पर आधारित है जो मेक इन इंडिया पहल के साथ प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक सार्थक कदम है। 

एटीएफ का उत्पादन बरौनी रिफ़ाइनरी के नए इंडजेट यूनिट से हुआ है। यह यूनिट स्वदेशी तकनीक इंजेट पर आधारित है, इसका अनुसंधान इंडियनऑयल, आरएंडडी सेंटर और मेसर्स ईआईएल ने मिलकर किया है। जिसकी प्रति घंटे इसकी उत्पादन क्षमता 50 टन है।

इन एयरपोर्ट को होंगे सप्लाई

डिफेंस ग्रेड के एटीएफ की आपूर्ति करने के लिए, सीईएमआईएलएसी (सैन्य उड़ान योग्यता और प्रमाणन केंद्र) और डीजीएक्यूए (वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय) की वैधानिक स्वीकृति अक्टूबर 2022 और नवंबर 2022 में प्राप्त हुई। बरौनी रिफ़ाइनरी से उत्पादित एटीएफ पटना, दरभंगा, गया और नेपाल के हवाई अड्डों को ईंधन प्रदान करेगा।   फिलवक्त पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट को हर दिन लगभग 100 केएल एटीएफ की सप्लाइ की जाती है।

कितने तरह का होता है एटीएफ

एटीएफ एक विशेष प्रकार का पेट्रोलियम आधारित ईंधन है। कच्चे तेल के शोधन में यह डीज़ल और केरोसीन के साथ वर्गीकृत है। जेट ईंधन वास्तव में केरोसीन की एक उच्च परिष्कृत श्रेणी है। जेट ए-1 और जेट ए टर्बाइन सिविल कॉमर्शियल एविएशन में इस्तेमाल होने वाली ईंधन की दो मुख्य श्रेणियां हैं। अन्य विमानन ईंधनों में मिलिट्री जेट ईंधनों जिसमें प्रमुख रूप से जेपी-4, जेपी-5, और जेपी-8, शामिल हैं तथा ये सभी केरोसीन प्रकार के ईंधन हैं।

45 फीसदी होता है खर्च

एटीएफ का सस्ता होना एविएशन इंडस्ट्री के लिए बड़ी राहत की बात होती है। अगर एटीएफ की दरों में कमी का सिलसिला बना रहा तो कई एयरलाइंस पैसेंजर किराए में भी कमी करने का ऐलान कर सकती हैं। क्‍योंकि एविएशन सेक्टर में एयरलाइंस का 40 से 45 फीसदी खर्च एटीएफ की खरीद पर ही होता है।

जुलाई में पाइपलाइन के सहारे पहुंचना शुरू हुआ था एटीएफ

गुरूवार से 32 साल बाद पाइपलाइन से मोरीगांव और हल्दिया (पश्चिम बंगाल) से बरौनी रिफाइनरी में एटीएफ पहुंचने का काम शुरू हो गया है. मोरीगांव और हल्दिया से बरौनी रिफाइनरी तक इसके लिए अंडरग्राउंड पाइप बिछाया गया है. ईंधन को बरौनी रिफाइनरी में स्टॉक किया जायेगा

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