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NEW DELHI : दिल्ली में सरकार का मतलब 'मुख्यमंत्री नहीं, एलजी होगा', गृह मंत्रालय ने लोकसभा में पेश किया बिल, भड़के केजरीवाल ने कहा - हम क्या करेंगे

NEW DELHI : दिल्ली में सरकार का मतलब 'मुख्यमंत्री नहीं, एलजी होगा', गृह मंत्रालय ने लोकसभा में पेश किया बिल, भड़के केजरीवाल ने कहा - हम क्या करेंगे

NEW DELHI. (DELHI POLITICS) (LOK SABHA) लोकसभा में (HOME MINISTRY) गृह मंत्रालय द्वारा पेश किए गए एक बिल के कारण सियासी बवाल शुरू हो गया है। इस बिल के अनुसार दिल्ली के (DELHI GOVERNMENT)  उपराज्यपाल को तमाम शक्तियां प्रदान की गई है और वहां चुनी गई सरकार को हल फाइल पर (LG)  एलजी के हस्ताक्षर लेने होंगे।  दिल्ली सरकार खुद से कोई कानून नहीं बना सकता है। बिल के मुताबिक दिल्ली में सरकार का अर्थ एलजी होगा। अब इस बिल को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच आने वाले दिनों में टकराव तेज हो सकता है। नए बिल के मुताबिक दिल्ली में सरकार का अर्थ 'एलजी' होगा और विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक को वही मंजूरी देने की ताकत रखेगा। यही नहीं बिल में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को शहर के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से मशविरा लेना होगा। वहीं इस नए बिल को लेकर दिल्ली के (ARVIND KEJRIVAAL) सीएम अरविंद केजरीवाल भड़क गए हैं- उन्होंने कहा है कि जब सारे अधिकार एलजी के पास होंगे, तो चुनी गई सरकार क्या करेगी।

नए कानून को लेकर बीजेपी को निशाने पर लेते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 8 सीटें और एमसीडी उपचुनाव में एक भी सीट न पाकर रिजेक्ट हुई बीजेपी ने अब पर्दे के पीछे से सत्ता हथियाने की तैयारी कर ली है। इसी के तहत उसने आज लोकसभा में बिल पेश किया है। हम बीजेपी के असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कदम का विरोध करते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'बिल कहता है कि सरकार का अर्थ एलजी होगा। ऐसा है तो फिर चुनी हुई सरकार क्या करेगी? सभी फाइलें एलजी के पास जाएंगी। यह बिल सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें उसने कहा था कि सभी फैसले दिल्ली सरकार की ओर से लिए जाएंगे और उसकी एक कॉपी एलजी के पास भेजी जाएगी।' 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश दरकिनार

 बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई, 2018 को दिए अपने एक फैसले में कहा था कि सरकार के दैनिक कामकाज में उपराज्यपाल की ओर से दखल नहीं दिया जा सकता।  शीर्ष अदालत ने कहा था कि उपराज्यपाल सरकार की सहायता में काम कर सकते हैं और मंत्री परिषद के सलाह के रूप में अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं। हालांकि वह सरकार के दैनिक कामकाज में दखल नहीं दे सकते। इस बिल को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम का कहना है कि इसके जरिए बीजेपी पर्दे के पीछे से सत्ता हथियाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच की ओर से दिए गए फैसले के विपरीत है। 



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