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मुख्यमंत्री और वित्त विभाग की मंजूरी के बगैर बिहार में तेजस्वी ने कैस करा दी लाखों लोगों की नियुक्ति, क्रेडिट लेने पर जदयू ने पूछा सवाल

मुख्यमंत्री और वित्त विभाग की मंजूरी के बगैर बिहार में तेजस्वी ने कैस करा दी लाखों लोगों की नियुक्ति, क्रेडिट लेने पर जदयू ने पूछा सवाल

PATNA : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी हर चुनावी सभा में बिहार में हुए लाखों शिक्षकों की नियुक्ति का क्रेडिट खुद ले रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि जब तक मुख्यमंत्री और वित्त विभाग की मंजूरी नहीं हो, तब तक किसी की नियुक्ति संभव नहीं है। यह कहना है बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कही। 

पटना जदयू कार्यालय में राजद के पूर्व सांसद अशफाक करीम के जदयू में शामिल होने को लेकर मीडिया से बात करते हुए विजय चौधरी ने बिहार में हो रही नियुक्तियों को लेकर तेजस्वी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पद की स्वीकृति मुख्यमंत्री और वित्त विभाग की अंतिम सहमति नहीं हो तो एक नियुक्ति नहीं हो सकती है। वह कुछ दिन साथ आए थे मुख्यमंत्री ने उन्हें समझने की बात कही, अब उसे वह कह रहे हैं कि हम ही कर दिए हैं। 

चंद्रशेखर के बहाने किया हमला

शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा यह सारी स्वीकृति हमलोगों ने पहले ही दे दी थी। उनके शिक्षा मंत्री तो चार महीने तक कार्यालय ही नहीं गए। विभाग में क्या हो रहा है, यह भी उनका पता नहीं होता था। उनके शिक्षा मंत्री इस दौरान क्या क्या कर रहे थे, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।  फिर वह कैसे कह रहे हैं कि सारी नियुक्ति उन्होंने की है।

अशफाक करीम भी राजद पर बरसे

इस दौरान राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए अशफाक करीम ने भी लालू तेजस्वी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि बिहार के 90 फीसदी मुसलमानों का वोट उनकी पार्टी को मिलता है। फिर भी उन्होंने 26 सीटों में से सिर्फ एक सीट मुसलमान को दिया। जबकि मुस्लिमों के कुछ वोट पानेवाली जदयू ने अपने कोटे के 16 सीट में एक मुसलमान को चुनाव में कैंडिडेट बनाया है। यह अंतर बताता है कि उन्हें वोट तो चाहिए, लेकिन कैंडिडेट नहीं चाहिए। 

रिपोर्ट - नरोत्तम कुमार


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