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मल्लिकार्जुन खड़गे की राह में कैसे रोड़ा बन सकते हैं शशि थरूर, कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ का रोमांच बढ़ा

मल्लिकार्जुन खड़गे की राह में कैसे रोड़ा बन सकते हैं शशि थरूर, कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ का रोमांच बढ़ा

DESK. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने नामांकन किया। मल्लिकार्जुन खड़गे फिलहाल राज्य सभा के सदस्य हैं और नेता प्रतिपक्ष भी हैं। इन दोनों नेताओं के अलावा झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जैसे ही आलाकमान अपना इशारा देगा, मैं अपना नामांकन वापस ले लूंगा। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे में से किसका पलड़ा भारी है?

प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, सलमान खुर्शीद, अखिलेश प्रसाद सिंह, दिग्विजय सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, भूपेंद्र हुड्डा और अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने खड़गे का प्रस्तावक बने। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को गांधी परिवार की पसंद बताया जा रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा- खड़गे साहब का बहुत सम्मान करता हूं। अगर कई लोग नामांकन दाखिल करेंगे तो अच्छी बात है और लोगों को भी विकल्प मिलेगा। मैंने किसी को नीचा दिखाने के लिए ऐसा नहीं किया है। हमें एक साथ काम करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि वे हमारी पार्टी के भीष्म पितामह हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के कैंडिडेट्स में गांधी परिवार का समर्थन किसके साथ है। इसे लेकर तस्वीर आज साफ हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गांधी परिवार से समर्थन की बात की जाए तो मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता हैं। अध्यक्ष पद के लिए शशि थरुर को गांधी परिवार से इतना समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं है इसकी सबसे बड़ी वजह थरूर का जी-23 में शामिल होना। वहीं, जानकारों के अनुसार,  हिन्दी भाषी क्षेत्रों में थरूर की कम लोकप्रियता भी बड़ी वजह बन सकती है।

अगर कांग्रेस के अध्यक्ष शशि थरूर बनते हैं तो कहीं ना कहीं पार्टी को कुछ बड़े फायदे होंगे। जैसे कि पार्टी दक्षिण भारत में मजबूत हो सकती है। शशि थरूर केरल से आते हैं। केरल से ही राहुल गांधी भी सांसद हैं। वर्तमान में देखे तो भाजपा दक्षिण भारत पर ही फोकस रख रही है। युवाओं के बीच शशि थरूर की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है। शशि थरूर के अध्यक्ष बनने के साथ युवा कांग्रेस से जुड़ सकते हैं। उनकी देशभर में जबरदस्त फॉलोइंग है। इसके अलावा विश्व के स्तर पर भी शशि थरूर का अपना नाम है। शशि थरूर बेहतरीन इंग्लिश के साथ हिंदी में भी अच्छी पकड़ रखते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी सक्रियता ज्यादा है। विदेशी मामलों में उनकी पकड़ भी रहती है। 

मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। इनका भी दक्षिण से नाता है। हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि वह हिंदी भी अच्छी बोलते हैं और उत्तर भारत में भी उनकी जमीनी पकड़ मजबूत है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मजदूरों के लिए काफी लड़ाई लड़ी है। मजदूरों में उनकी पकड़ भी अच्छी है। मल्लिकार्जुन खड़गे के विपक्ष के नेताओं से अच्छे संबंध है। महाराष्ट्र में भी जब महा विकास आघाडी की सरकार बनी थी तो उसमें मल्लिकार्जुन खड़गे ने अहम भूमिका निभाई थी। राजस्थान कांग्रेस में भी उठापटक की स्थिति में मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी को संभालते नजर आए। इसके अलावा विपक्षी एकजुटता को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे लगातार कोशिश करते रहते हैं। विपक्षी नेताओं से उनके तालमेल अच्छे हैं।

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