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सस्पेंड और लाइन हाजिर करने से नहीं थमेगा अपराध, बड़े अधिकारियों पर भी करनी होगी कार्रवाई

सस्पेंड और लाइन हाजिर करने से नहीं थमेगा अपराध, बड़े अधिकारियों पर भी करनी होगी कार्रवाई

PATNA : पटना में बढ़ रहे अपराध को लेकर पुलिस के आलाधिकारी लगातार मीटिंग कर रहे हैं। कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर एसओजी और एसआईटी बनायी गयी है, उसके बावजूद अपराधियों पर नकेल कसने में पुलिस विफल दिख रही है। 

पटना से कब होगी कुख्यातों की शिफ्टिंग  

इस कवायद में रीतलाल यादव, कुंदन सिंह, विकास सिंह और दुर्गेश शर्मा जैसे कुख्यातों को पटना के बेऊर जेल से बाहर भेजने की बात भी कही गयी थी। लेकिन हाल में जिस कदर अपराध बढ़ा है उससे यही लगता है कि ये सारी कवायदें नकारा साबित हो रही हैं। पुलिस के आलाधिकारी किसी गड़बड़ी पर थानेदार को सस्पेंड और पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर तो कर देते हैं लेकिन लगता है कि इसका भी असर नहीं होता। थाना स्तर पर लगातार गड़बड़ी की शिकायतें मिलती हैं।  

कब होगी बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई

बिहार पुलिस एसोसियेशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह का कहना है कि निचले स्तर के सारे अधिकारी भ्रष्ट नहीं होते हैं लेकिन अक्सर देखा जाता है कि किसी भी वारदात के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराकर बलि का बकरा बना दिया जाता है। उनका कहना है कि जांच के बाद उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना है कि जब कोई घटना घटती है तो केवल थाने स्तर के पदाधिकारी ही उसके लिए जिम्मेवार नहीं होते हैं। जिला स्तर पर नियंत्रण और निगरानी रखनेवाले अधिकारियों के कार्यों की भी समीक्षा होनी चाहिए और गड़बड़ी मिलने पर उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।  

कई थानेदारों पर कार्रवाई के बाद भी नहीं थमा अपराध   

जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां, डीआईजी राजेश कुमार एवं एसएसपी मनु महाराज राजधानी में बढ़ते अपराध को लेकर चिंतित दिख रहे हैं। सब्जी व्यवसायी के पुत्र को जबरदस्ती जेल भेजने के मामले में बाईपास और अगमकुआं थाना के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गयी। खत्री परिवार के मकान पर कब्जा मामले में बहादुरपुर थानेदार, बस स्टैंड के चुंगी ठेकेदार से पैसे के डील मामले में जक्कनपुर थानेदार को सस्पेंड किया गया। 

वहीं बालू माफियाओं से सांठगांठ और गाड़ियों से वसूली मामले में दीदारगंज और मालसलामी थाना के पदाधिकारियों पर एसएसपी द्वारा कार्रवाई की गयी। साथ ही डीआईजी राजेश कुमार के द्वारा थानों की ग्रेडिंग मामले में तीन थानों पर गाज गिरी। गर्दनीबाग, कदमकुआं तथा नौबतपुर थाना के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का फरमान जारी किया गया।


थाना स्तर के अधिकारियों में पनप रहा है असंतोष

राजधानी में विधि-व्यवस्था को कायम करने के लिए पटना पुलिस के वरीय अधिकारी थाना स्तर के अधिकारियों को अपने निशाने पर रखते हैं। आनन-फानन में उन्हें सस्पेंड और लाइन हाजिर कर दिया जाता है जिससे उनमें अंसतोष की भावना पनप रही है। इस परिस्थिति में पुलिस विभाग के निचले स्तर के कर्मियों का कहना है कि लॉ एंड ऑर्डर को ठीक करने की दिशा में यह प्रयोग कुछ हद तक ही सही साबित हो रही है किन्तु पूर्ण रूपेण सही नहीं है। 

दरअसल अब मामला यह निकल कर आ रहा है कि अगर इसी तरह हर महीने तीन-तीन थानों को लाइन हाजिर कर दिया जाएगा और जैसा कि डीआईजी राजेश कुमार का आदेश है कि अगले 6 महीने तक उक्त पुलिसकर्मी को थाने नहीं दिया जाएगा, उस परिस्थिति में जिले में पुलिस पदाधिकारी के साथ बल की भी कमी आ सकती है जिससे लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी हो जायेगी। 

पटना से कुंदन की रिपोर्ट


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