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कैसे रुकेगा भ्रष्टाचार? निगरानी ने 213 'मुखिया' पर दर्ज किया था केस....15 सालों में केवल 2 को मिली सजा

कैसे रुकेगा भ्रष्टाचार? निगरानी ने 213 'मुखिया' पर दर्ज किया था केस....15 सालों में केवल 2 को मिली सजा

PATNA: बिहार की नीतीश सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करने का दावा करती है। भ्रष्टाचार पर वार के लिए सरकार की तरफ से तीन जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं। अफसोस यह की कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही। वर्ष 2006 से लेकर 2021 तक लगभग 4600 अफसरों और जनप्रतिनिधियों पर केस दर्ज किया गया है। इन 16 सालों में बड़ी संख्या में सरकारी सेवकों-जनप्रतिनिधियों पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस, ट्रैप केस व अधिकार के दुरूपयोग का केस हुआ, लेकिन मामले को अंजाम तक पहुंचाने की दर काफी कम रही। निगरानी ब्यूरो ने 2006-2021 के बीच पंचायती राज विभाग के अधीन मुखिया, सरपंच,उप मुखिया समेत अन्य जनप्रतिनिधियों में अकेले 213 से अधिक मुखिया पर केस दर्ज किया. लेकिन सजा महज 2 को ही मिली।

मुखिया-सरपंच-पंचों पर केस

निगरानी विभाग ने 2006 से लेकर 2021 तक दर्ज केसों की स्थिति को सार्वजनिक किया है। पंचायती राज विभाग के अधीन पंचायत प्रतिनिधि आते हैं। निगरानी ब्यूरो ने मुखिया, पंचायत समिति सदस्य,उप मुखिया और पंचों के खिलाफ केस दर्ज किया है। ब्यूरो ने एक दर्जन से अधिक मुखियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार भी किया. वहीं अन्य पर डीए व अधिकार के दुरूपयोग का केस दर्ज किया गया है। इन पंद्रह सालों में निगरानी ब्यूरो ने पंचायत प्रतिनिधियों में सबसे अधिक मुखिया पर केस दर्ज किया है। जो आंकड़े जारी किये गये हैं उसमें 213 से अधिक मुखियों पर केस दर्ज है। इतनी बड़ी  संख्या में से केवल दो मुखिया को अब तक सजा मिल पाई है। बाकि के सभी मुखिया पर दर्ज केस या तो अनुसंधान में है या फिर जांच में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले। जिन मुखियों पर केस दर्ज हुआ उनमें से अधिकांश भूतपूर्व हो गये। वहीं कई की मौत भी हो गई लेकिन भ्रष्टाचार का केस लंबित ही रहा।  

213 में महज 2 मुखिया को सजा

निगरानी विभाग की लिस्ट में दो मुखिया को मिली सजा का जिक्र किया गया है। 18 मई 2005 को निगरानी ब्यूरो ने नालंदा के मुखिया जगदीश पंडित को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने 25 मार्च 2017 को आरोपी मुखिया को दो साल की कैद व 10 हजार रू जुर्माने की सजा दी। वहीं 10 दिसंबर 2019 को सुपौल के मुखिया बदरी ठाकुर को ब्यूरो की टीम ने घूस लेते पकड़ा था। इस केस में भी आरोपी मुखिया को दो साल व 1.6 साल की सजा और 5-5 हजार रू का जुर्माना लगाया।  

  



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