NEWS4NATION DESK : नये साल में यदि आप किसी आकर्षक जगह का सैर करना चाहते है तो झारखंड के धनबाद जिले में स्थित भटिंडा फॉल चले जाये। धनबाद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भटिंडा फॉल में आप प्राकृतिक के अद्भूत नजारे को आनंद ले सकते है।
हालांकि यह फॉल देखने में जितना आकर्षक लगता है, उतना ही खतरनाक भी है। आकर्षक होने की वजह से यहां काफी पर्यटक पहुंचते हैं। कहा जाता है कि इस फॉल के बीच तीन तालाब हैं और सभी में गहरे कुएं हैं। ऐसे में यहां हल्की सी चूक लोगों की जान तक ले लेती है।
भटिंडा फॉल में सबसे ज्यादा नए साल के दौरान पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। यहां लोग पिकनिक मनाने के उद्देश्य से पहुंचते हैं। कहा जाता है कि चट्टानों के बीच तीन तरह के तालाब हैं। बड़ा, मध्य और छोटा तालाब। पानी पहले बड़े तालाब में आता है। फिर ओवरफ्लो कर मध्य तालाब में और वहां से छोटे तालाब में जाता है। हर तालाब में गहरे कुएं हैं।
भटिंडा फॉल के पास दो नदियों का मिलन भी है। कतरी नदी पारसनाथ से निकल कर उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हुई मुनीडीह पहुंचती है। पूरब की तरफ से दामोदर नदी आती है। फॉल के पास दोनों नदियां मिलती हैं। यहां चट्टानें 12 डिग्री के कोण पर नदी की धार की दिशा में झुकी हुई हैं।ये चट्टानें नदियों की धार को रोकती हैं। नदी की धार जब चट्टानों से टकराकर 10 मीटर की ऊंचाई से गिरती हैं, तो बड़ा सुंदर दृश्य बनता है।
कुछ लोगों का मानना है कि भटिंडा फॉल प्रकृति की देन है। यहां दो नदियों का मिलना और चट्टानों से नदी का टकराना एकदम प्राकृतिक है। यह किसी मानवीय निर्माण कार्य से नहीं बना। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जहां फॉल है, वहां बलुआ पत्थर मिलते हैं। नदी किनारे पत्थरों को काटना आसान है। इसलिए कभी वहां पत्थरों का खनन किया गया, जिससे फॉल बना।
अब यहां घूमने-फिरने की व्यवस्था की जा रही है। पत्थरों के बीच सीढ़ी बन रही है। झूले भी लग रहे हैं। इन सब से भटिंडा फॉल की सुंदरता को चार चांद लग जाएंगे।
पर्यटन विभाग 1 करोड़ रुपए खर्च कर भटिंडा फॉल को बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जुटा है।