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कस्टडी में युवक की मौत को मानवाधिकार आयोग ने पुलिस के लिए बताया बड़ा धब्बा, एक माह में पीड़ित के परिवार को मुआवजा देने के निर्देश

कस्टडी में युवक की मौत को मानवाधिकार आयोग ने पुलिस के लिए बताया बड़ा धब्बा, एक माह में पीड़ित के परिवार को मुआवजा देने के निर्देश

PATNA : बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने फुलवारीशरीफ थाने में एक युवक जीतेश कुमार के पुलिस हिरासत में  हुई मृत्यु पर पर सख्त रुख अपनाया। जस्टिस ए एम बदर(सेवानिवृत), अध्यक्ष, बिहार मानवाधिकार आयोग ने पुलिसकर्मियों के इस कृत्य को सभ्य समाज पर बड़ा धब्बा कहा।

उन्होंने अपने आदेश में  राज्य सरकार के पुलिस हिरासत में हुए युवक के पिता श्रीराम सिंह को बतौर क्षतिपूर्ति 15,75,400 रुपया तीस दिनों के भीतर देने का निर्देश दिया।साथ ही  समय पर राशि का भुगतान नही करने पर बारह प्रतिशत के हिसाब से ब्याज देना होगा।

कोर्ट ने एस एस पी,पटना को निर्देश दिया कि क्षतिपूर्ति की राशि दोषी पुलिसकर्मियों से वसूली जाये।ये घटना सब डिवीज़नल पुलिस अधिकारी के फुलवारीशरीफ थाने मे एक युवक जीतेश कुमार को लाया गया ।

वहां पुलिस वालों ने इस युवक की इस बेरहमी से पिटाई की कि साढ़े चार घंटे के उसने पुलिस हिरासत दम तोड़ दिया।ये घटना 31 मार्च,2024 को हुई थी।इस सम्बन्ध में  युवक के पिता श्रीराम सिंह ने 1 अप्रैल,2024 को पुलिस थाने में प्राथमिकी लिखवाई।

इस मामलें में बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामलें के जाँच का जिम्मा एस पी, बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग को दिया।उन्होंने 20 मई,2024 को आयोग को अपना रिपोर्ट दिया। आयोग ने इसे काफी गंभीरता से लेते हुए इस मामलें की जांच का जिम्मा एडीजी,सीआईडी को सौंपा। आयोग ने हिदायत दी कि वे स्वयं मामलें की निगरानी करे।साथ हर माह इस मामलें की जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में  प्रस्तुत करें।

आयोग ने पटना के तत्कालीन एस एस पी  के विरुद्ध उनकी प्रशासनिक असफलता,लापरवाही और कर्तव्यों का सही ढंग से पालन नहीं करने के लिए तीस दिनों के भीतर विभागीय कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिया है।

साथ ही आयोग के रजिस्ट्रार को एस एस पी, पटना व अन्य जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अदालती अवमानना की प्रक्रिया प्रारम्भ करने का निर्देश दिया  है।

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