'यादव-मुसलमान का कोई निजी काम नहीं करूँगा', सीएम नीतीश के करीबी सांसद के बयान से मचा बवाल, राजद ने किया जबरदस्त पलटवार

PATNA: सीतामढ़ी के सांसद और सीएम नीतीश के करीबी जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर एक बयान देकर विवाद में फंस गए हैं। उन्होंने एक सभा में कहा है कि वो यादव-मुसलमानों का कोई काम नहीं करेंगे। वहीं इस बयान के बाद अब राजद ने बड़ा हमला बोला है। राजद ने देवेश चंद्र ठाकुर के बयान को लेकर उन्हें घेरा है। इस मामले में राजद की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया है। इस पोस्ट के द्वारा राजद ने बिहार सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जदयू पर संकीर्ण मानसिकता वाले जातिवादी लोग करार दिया है।
राजद ने कहा कि, "ये महाशय नीतीश कुमार के चेहते नए-नवेले सांसद है। सबसे कम आबादी से संबंध रखने वाला यह सांसद बिहार की 32 फ़ीसदी आबादी को ढेंगा दिखा रहा है। कल को दूसरे वर्ग वोट नहीं करेंगे तो उनके प्रति भी इसका यही दुर्भाव रहेगा? विधान परिषद चुनाव में चंद हजार वोट पाकर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे तो वही गुमान अभी भी है।"
राजद ने आगे कहा कि, "इनका यह बयान संविधान और पद के प्रति इनकी शपथ की धज्जियाँ उड़ा रहा है। समाज में विभाजन पैदा कर राज करना ही प्रदेश की तीसरे नंबर की पार्टी जदयू का असल चरित्र है और ऐसे लोग ही नीतीश कुमार की किचन कैबिनेट के अहम सदस्य है। इन लोगों को पता होना चाहिए बिहार विधानसभा चुनाव बेईमानी से जीते थे वो भी महज़ 12 हजार वोट से।" राजद ने कहा कि, इसका अर्थ यह हुआ कि प्रदेश की 70 फ़ीसदी आबादी को ये संकीर्ण मानसिकता वाले जातिवादी लोग हमेशा घृणा की दृष्टि से देखते है।
दरअसल, अपने क्षेत्र के लोगों को संबोधित करने के दौरान उन्होंने कहा कि यादवों और मुसलमानों का चाय नाश्ता तक स्वागत है लेकिन उनका कोई काम नहीं करूंगा। एक वाकया की चर्चा करते हुए देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा, " एक मुस्लिम समाज के व्यक्ति कल सुबह में मिलने आए थे। बेचारा का दुर्भाग्य था कि पहली बार मेरे पास आया। कुछ काम कराने आया था। आदमी शरीफ था। मैंने कहा कि आप शायद पहली बार आए हैं तो बोला हां पहली बार ही आए हैं। हमने कहा अभी अभी जो वोट हुआ है उसमें लालटेन को ही वोट दिया होगा। तो कहा कि जी सर लालटेन पर ही दिया। तो हमने कहा कि फिर भी आप हिम्मत करके मेरे पास आए हैं तो घबरा गया। मैंने पूछा- किस विचार से आए हैं। आप पहली बार आए हैं इसलिए आपको कम बोल रहा हूं नहीं तो मैं छोड़ता नहीं हूं किसी को। पहली बार आए हैं इसलिए चाय-मिठाई मंगाता हूं, फिर आपको दुआ सलाम करके खुदा हाफिज कर दूंगा, काम मैं आपका नहीं करूंगा। मेरे लिए आप तीर दबाते तो आपको उस तीर में नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखाई देता इसलिए आपने लालटेन दबाया। अगर यह बात है तो मैं आपके चेहरे पर लालटेन और लालू जी का चेहरा क्यों नहीं देखूं। ऐसे में आपका काम नहीं कर सकता।"
देवेश चंद्र ठाकुर यहीं नहीं रुके। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए आगे भी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि 70 सालों के जीवन में पहली इस तरह का काम किया और आगे भी करते रहेंगे। सभी यादव और मुसलमान मित्रों का स्वागत है। वे आएं चाए पीएं, मिठाई खाएं पर काम के बारे में मत बोलें। उन्होंने कहा कि इतने दिनों के राजनैतिक, सामाजिक जीवन में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत काम इन्हीं दोनों समाज के लोगों का करवाया। लेकिन जब ये लोग सिर्फ इसलिए वोट नहीं देते कि हम बीजेपी से जुड़े हुए हैं तो पीड़ा होती है। पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मुफ्त अनाज देने की योजना चलाई तो किसी के लिए फर्क नहीं किया और किसी को भी वंचित नहीं रखा। कोविड में जब दवा दिलवाई तो तो भेदभाव नहीं किया और अरबों लोगों की जान बचाई। उन्होंने कहा कि, वे इन दो समाज के लोगों का व्यक्तिगत काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, अगर आप वोट देते समय ईवीएम पर पीएम को देख रहे हैं तो हम भी आपके काम के समय आपके चेहरे पर लालू यादव को देखते हैं।