बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

गाली वाला वीडियो सामने आने के बाद IAS अफसर के.के पाठक ने जताया खेद, BASA पर भड़के, कहा- छवि धूमिल करने की कोशिश

गाली वाला वीडियो सामने आने के बाद IAS अफसर के.के पाठक ने जताया खेद, BASA पर भड़के, कहा- छवि धूमिल करने की कोशिश

PATNA: वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के.के. पाठक का गाली वाला वीडियो सामने आने के बाद विवाद काफी बढ़ गया है. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने घोर आपत्ति दर्ज की और थाने में शिकायत दर्ज किया है. राजनीतिक दल के नेताओं ने भी निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव पर कार्रवाई की मांग कर दी है. विवाद बढ़ने के बाद के.के पाठक ने खेद जताया है. हालांकि बासा पर उनकी तल्खी जारी है . बिपार्ड  की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बासा छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहा. बता दें, सीनियर आईएएस अधिकारी केके पाठक का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे बैठक में बासा अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक बातें कह रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने केके पाठक को बर्खास्त करने की मांग की है।

बिपार्ड की तरफ से खेद जताने व बासा पर छवि धूमिल करने की जारी हुआ रिलीज

के. के पाठक बिपार्ड के महानिदेशक भी हैं. लिहाजा बिपार्ड की तरफ से ही प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है. बताया गया है कि के. के. पाठक के मुंह से कुछ असंदर्भित शब्द निकल गए थे. जिसके लिए खेद प्रकट किया गया है. सदस्य आर्य गौतम की तरफ से रिलीज जारी किया गया है और स्थिति स्पष्ट की गई है. कहा गया है कि बिपार्ड गया में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का प्रशिक्षण 2 अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ. प्रशिक्षण में अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. शुरू से ही बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा अमर्यादित व्यवहार एवं अनुशासन तोड़ने का प्रयास किया गया. प्रशिक्षण में पीटी एवं योगा कक्षाएं सम्मिलित की गई .लेकिन इन अधिकारियों ने इसका विरोध किया था. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का मैप आफ, हाउसकीपिंग स्टाफ, संकाय सदस्य यहां तक कि सहायक सत्र समन्वयक के साथ भी व्यवहार उचित नहीं था.

बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने पंचायती राज सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ मेस में एक साथ भोजन करने से मना किया गया और विरोध दर्ज किया था. इसके पूर्व बिपार्ड पटना में प्रशासनिक सेवा के पूर्व बैच के पदाधिकारियों ने निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया था. नवंबर में बिपार्ड प्रशिक्षण के तहत भारतीय प्रशासनिक, बिहार प्रशासनिक, शिक्षा सेवा के अधिकारियों को ट्रेकिंग के लिए बिहार के बाहर भेजा गया था. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ट्रैकिंग के लिए उत्तराखंड भेजा गया था. राइट द हिमालया प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से ट्रैकिंग करवाई गई थी. जिसमें एक प्रशिक्षु पदाधिकारी का निधन हो गया था. इसमें बिपार्ड के द्वारा कोई चूक नहीं की गई थी. वापस लौटने पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने आईआईएम अहमदाबाद से आए हुए फैकेल्टी का बहिष्कार किया था. इस पूरे प्रकरण में बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों एवं बासा ने एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए मीडिया में जाकर बिपार्ड के प्रशिक्षण एवं महानिदेशक के खिलाफ अमर्यादित एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया था जो निंदनीय है.

बिपार्ड के महानिदेशक द्वारा अनुशासन बनाए रखने के लिए बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का प्रशिक्षण 9 दिसंबर 2022 को रोक दिया एवं सभी प्रशिक्षुओ को जिलों में भेज दिया. हालांकि सरकार से आदेश मिलने के बाद एक जनवरी 2023 से प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया गया. इसी बीच मद्ध निषेध उत्पाद निबंधन विभाग द्वारा निबंधन सेवा संघ का निबंधन 20 जनवरी 2023 को और बिहार प्रशासनिक सेवा संघ का निबंधन 28 जनवरी 2023 को रद्द किया गया .इस पूरे घटनाक्रम के विश्लेषण में 2 बिंदु उभर कर सामने आती है. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं इनके संघ के द्वारा प्रशिक्षण में हो रहे बेहतर प्रयास के प्रति नकारात्मक सोच दिख रहा है. बासा के अधिकारी एवं संघ के द्वारा लगातार अपने आप को श्रेष्ठ एवं व्यवस्था से ऊपर दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं बासा ने एक हथियार बनाकर विभाग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया है. यह निंदनीय है.


Suggested News