PATNA : CM नीतीश के जनता दरबार में अतिक्रमण के मामलों की सुनवाई के दौरान कुएं पर अतिक्रमण करने और उस पर कोई कार्रवाई नहीं करने का मामला सामने आया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि 2015 में सार्वजनिक कुआं का अतिक्रमण कर लिया गया। मामले को हल कराने के लिए तीन साल तक कोशिश की, फिर हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई. इसके बाद सीओ ने सुनवाई की। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए तीन बार नोटिस किया जाएगा। इसके बाद भी नहीं माना तो कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जब तीसरे नोटिस के बाद कार्रवाई का समय आया तो सीओ का ट्रांसफर हो गया। उनकी जगह जो नया सीओ आया, जब उनसे कार्रवाई को लेकर मांग की गई तो उल्टे मुझे ही जेल भेजने की धमकी दे दी गई। सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल राजस्व भूमि सुधार को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए।
इसी तरह सड़क अतिक्रमण को लेकर आए दूसरे शिकायतकर्ता ने बताया कि लोक शिकायत अधिकारी के निर्देश के बाद भी सीओ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की है। सीएम ने इस पर आश्चर्य जाहिर किया कि आदेश के बाद भी सीओ ने ऐसा क्यों किया। मामले में बताया गया कि आगामी 13 दिसंबर को अतिक्रमण हटाने का काम कर लिया जाएगा।