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बेटा अगर मां-बाप का खयाल नहीं रखा तो 6 महीने की हो सकती है जेल, केंद्र सरकार पुराने कानून में बदलाव की कर ली है तैयारी

बेटा अगर मां-बाप का खयाल नहीं रखा तो 6 महीने की हो सकती है जेल, केंद्र सरकार पुराने कानून में बदलाव की कर ली है तैयारी

NEWS4NATION DESK : बुजुर्गों के भरण पोषण से जुड़े कानून को और सख्त बनाने की तैयारी जारी है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय लंबे विचार-विमर्श के बाद 10 साल से ज्यादा पुराने इस कानून में बदलाव की तैयारी कर ली है। 

सरकार अब पुराने कानून को और सख्त बना रही है। इसके तहत बुजुर्ग मां-बाप का ख्याल न रखने वाले पर 6 महीने तक की जेल भी काटनी पड़ सकती है। फिलहाल मौजूदा कानून में सिर्फ 3 महीने की सजा का ही प्रावधान है। इसके साथ ही बुजुर्गों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है। प्रत्येक पुलिस थाने में एएसआई रैंक एक पुलिस अधिकारी की तैनाती करने का भी प्रावधान किया जा रहा है, जो बुजुर्गों की समस्या को लेकर नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।

बता दें कि कानून में दंड हल्का होने की वजह से बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार और उन्हें छोड़ने के मामले तेजी से देखने को मिल रहे हैं। इसी वजह से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय पुराने का तैयारी कर ली है। अधिक संभावना है कि 18 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से इस बिल को पास करा लिया जाए। 

माता-पिता और बुजुर्गों की देखरेख से जुड़ा मौजूदा कानून 2007 में तैयार किया गया था। प्रस्तावित बिल के अनुसार माता-पिता और सिर्फ अपने जैविक बच्चों से ही गुजारा भत्ता लेने के हकदार नहीं होंगे, बल्कि अब वह नाती पोते दामाद या फिर जो संबंधी उनकी संपत्ति का अधिकारी होगा उन सभी संबंधियों सेवर गुजारा भत्ता के लिए दावा कर सकेंगे।

विवेकानंद की रिपोर्ट

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