पुल नहीं तो वोट नहीं, वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के मतदाताओं ने नेताओं के खिलाफ खोला मोर्चा, मतदान के लिए रख दी बड़ी मांग
PATNA: लोकसभा चुनाव धीरे धीरे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। चार चरणों का मतदान खत्म हो चुका है। पांचवें चरण के मतदान के लिए चुनावी प्रसार प्रसार जारी है। वहीं एक ओर जहां सभी नेता चुनावी रैली कर जनता से वोट मांग रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कई लोकसभा क्षेत्र में जनता वोट का बहिष्कार भी कर रही है। ताजा मामला प•चम्पारण के वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट का है। मधुबनी प्रखंड के बरवा पंचायत के सैकडों ग्रामीणों ने पुल नहीं तो वोट नहीं के साथ इस बार छठे चरण मे होने वाले मतदान का किया बहिष्कार।
पुल नहीं तो वोट नहीं
दरअसल, वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर चुनाव के छठे चरण में है। ऐसे में लोगों ने नेताओं द्वारा किए गए वादे से तंग आकर अब वोट बहिष्कार का मन बना लिया है। मधुबनी प्रखंड के बरवा पंचायत के सिसवा घाट के सैकड़ों ग्रामीणों ने गंंडक नदी से निकली सहायक नदी पर पुल नहीं तो वोट नहीं, किसी भी पार्टी के नेताओं को इस गांव में आना मना है। जैसे अन्य स्लोगन लिखे तख्तियां लेकर 25 मई को होने वाले चुनाव में मत बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यहां के लोगों का सीधा कहना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के बीचोंबीच बह रही इस गंडक नदी से निकली सहायक नदी पर पुल निर्माण की मांग हमलोग लगभग 40 वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन नेताओं द्वारा चुनाव के समय किए गए झूठे वादे से अब हमलोग उब चुके हैं और इस बार चुनाव में हमलोगाें ने मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है।
जनता में भारी आक्रोश
5000 की आबादी वाले यहां के निपु कुशवाहा , ध्रुव प्रसाद , झुनझुन बाबा सहीत सभी ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग की सारी सुख सुविधा इसी रास्ते से होता है। महत्वपूर्ण मार्ग में सिसवा घाट गांव के पास नदी पर पुल बनाने की मांग हमलोगों द्वारा वर्षों से की जा रही है। लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी इस पर ध्यान नहीं दिया है। निराश होकर यहां के लोगों ने इस बार के चुनाव में मतदान नहीं करने का मन बना लिया है। अब देखना होगा कि चुनाव लड़ने वाले नेता या मतदाता को जागरूक करने के लिए लगाये गये जिम्मेदार चुनाव आयोग का तंत्र इन लोगों को मतदान के लिए तैयार कर पाते हैं या नहीं।
वोटिंग करने के लिए रखी शर्त
यहां के लोगों ने साफ शब्दों में कहा कि जो पार्टी चुनाव के बाद पुल बनाने का लिखित रूप से बांड पेपर पर एग्रीमेंट करेगी, उसी को हमलोग वोट करेंगे। अन्यथा हमलोग किसी के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे। लगभग 5 हजार की आबादी वाले इस गांव के निप्पू कुशवाहा, पूर्व मुखिया ध्रुव गुप्ता, किशोर यादव वार्ड सदस्य, सुग्रीव यादव, सीताराम यादव, झुंझुनू उपाध्याय, रामशंकर यादव, हरपाल कुमार, वीरेंद्र राम, राजन चौहान, समेत सैकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि बरसात के समय यह नदी पानी से लबालब भरा रहता है। ग्रामीणों के सहयोग से बनाये गये चचरी पुल के सहारे हमलोग आवाजाही करते हैं। प्रखंड में डिग्री कॉलेज और हॉस्पिटल नहीं होने से भी नदी के उस पार रहने के कारण बर्षात में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं।
हर वर्ष होती है कई लोगों की मौत
हर वर्ष यहां डूबने से लोगों की मौत हो रही है। कई बच्चे की भी विद्यालय आने जाने के क्रम में डूबने से मौत हो चुकी है। यहां पुल बन जाने से आसपास के दर्जनों गांवों और पंचायत के लोग लाभान्वित होंगे। उत्तर प्रदेश की दूरी मात्र 2 किलोमीटर होगी, जबकि अभी 10 से 15 किलोमीटर दूरी तय कर उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जाना पड़ता है। नदी के दोनों छोर तक पक्की सड़क पहुंची हुई है। जो पूरब से आकर नदी तक और पश्चिम से आकर भी नदी तट तक पहुंच रही है पर आजतक इसपर पुल नहीं बन सका है।