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‘शराब पियोगे तो मरोगे ही’... जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद सीएम नीतीश की दो टूक

‘शराब पियोगे तो मरोगे ही’... जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद सीएम नीतीश की दो टूक

पटना. शराबबंदी के बाद भी आए दिन बिहार में शराब पीने से मौत हो रही है. शुक्रवार को भी छपरा में 5 लोगों की मौत हुई है जिसका कारण संदिग्ध जहरीली शराब को माना गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराब पीने से होने वाली मौतों को लेकर कहा कि शराब बुरी चीज है. पियोगे तो मरोगे. शराब पीने से कई तरह की बीमारी होती है और WHO की रिपोर्ट में ही ऐसा कहा गया है. इसलिए हम हमेशा कहते हैं पियोगे तो क्या हाल होगा. 

उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी का निर्णय करने के दौरान हमने महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने की कोशिश के लिए किया. सर्वे में आया कि शराबबंदी के बाद 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ा. आज शराब नहीं पीने के कारण राज्य के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरी है. बावजूद कुछ लोग इसका उल्लंघन करते हैं. उन पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है. संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों पर किसी प्रकार की संवेदना प्रकट करने से बचते हुए सीएम नीतीश ने सख्त हिदायत दी कि यह एक बुराई है. इस सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए ही महात्मा गांधी ने भी पहल की थी. बिहार आज उन्हीं के संदेश को साकार कर रहा है. इसके बाद भी कुछ लोग अगर शराब पी रहे हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. 


दरअसल, सारण जिले में गड़खा और मढौरा थाना क्षेत्र के सीमावर्ती गांव औढ़ा भुआलपुर का है. जहां बीती रात जहरीली शराब पीने से करीब डेढ़ से दो दर्जन लोग बीमार हुए है. जिसमें देखते ही देखते गड़खा थाना क्षेत्र के औढा गांव निवासी स्वर्गीय कमरुद्दीन खान के 40 वर्षीय पुत्र अलाउद्दीन खां की मौत हो गई. वही देखते ही देखते देर रात्रि तक पप्पू सिंह और कामेश्वर महतो की भी मौत हो गई, जिन्हें परिवार वालों के द्वारा दाह संस्कार के लिए ले जाया गया. हालांकि पहले तो प्रशासन इस मामले में कुछ भी कहने से कतराते रहा लेकिन शुक्रवार की सुबह तक स्थिति गंभीर हो गई और देखते ही देखते आधा दर्जन लोगों को गंभीर स्थिति में छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जिसमें दो लोगों की मौत उपचार के क्रम में हो गई. वहीं एक व्यक्ति की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पीएमसीएच रेफर किया गया है. जबकि कुछ लोगों का उपचार सदर अस्पताल में चल रहा है. इस सूचना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. वहीं पुलिस ने सदर अस्पताल में मृत भुआलपुर निवासी स्वर्गीय प्रभुनाथ राम के 55 वर्षीय पुत्र राम जीवन राम एवं भभीखन सिंह के 38 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार सिंह के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. 

इस मामले में सदर अस्पताल के इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर मेराज आलम ने बताया कि सदर अस्पताल में करीब आधा दर्जन लोगों को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया. उन लोगों का कहना था कि गांव में उनके द्वारा देसी शराब का सेवन किया गया था, जिसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ी है. उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान रामजीवन राम एवं रोहित कुमार सिंह की मौत हुई है. जबकि पुत्र रामनाथ महतो को गंभीर स्थिति में पीएमसीएच रेफर किया गया है. वहीं भुआलपुर निवासी स्वर्गीय कैलाश राय के पुत्र हीरा राय एवं स्वर्गीय सुखन सिंह के पुत्र लालबाबू सिंह का उपचार किया जा रहा है.


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